MP- क्लर्क ने कागजों में ख़तम कर दिए 279 लोग, कर डाला 11 करोड़ का घोटाला

तहसीलदार ऑफिस में एक क्लर्क ने 279 लोगों को कागजों में मरा हुआ दिखा दिया. इसके बाद उसने ऐसा खेल किया जिससे जिले में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में जाँच की जा रही है।

MP- क्लर्क ने कागजों में ख़तम कर दिए 279 लोग, कर डाला 11 करोड़ का घोटाला

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। जिले के तहसील कार्यालय केवलारी में पदस्थ सचिन दहायत नाम का क्लर्क अकाउंट सेक्शन देखता था। इसी कार्यभार और पद पर उसने ऐसा खेल किया, जिससे हड़कंप मचा हुआ है। असल में तहसीलदार ऑफिस के एक क्लर्क पर 11 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगा है।  इसके लिए उसने कागजों में 279 लोगों को मृत दिखा दिया. इस खुलासे के बाद लोग हैरान है। 

आरोपी ने कागजों पर जिंदा लोगों को मरा दिखाया. साथ ही कई ऐसे फर्जी नाम भी सामने आए हैं जिनको मरा बताकर उनके नाम से फर्जी आदेश बनाकर शासन से 4-4 लाख रुपये की राहत राशि स्वीकृत करा ली. ये पूरा घोटाला राजस्व पुस्तक परिपत्र के खंड-6 क्रमांक-4 यानी कि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत किया गया है। 

बता दें कि जब भी किसी किसान, भूमिहीन व्यक्ति या आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति की मृत्यु पानी में डूबने, सर्पदंश, आकाशीय बिजली गिरने या ऐसे दूसरे कारणों से होती है तो सरकार के राजस्व विभाग की ओर से आरबीसी 6-4 के तहत 4 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत दी जाती है। 

आरोपी क्लर्क ने राजस्व विभाग के पोर्टल पर फर्जी लोगों के पानी में डूबने, सर्पदंश, आकाशीय बिजली और ऐसे दूसरे कारणों से मौत का फर्जी मामला बनाकर अपलोड कर दिया।  इसके बाद राहत राशि स्वीकृत कराकर बैंक खातों में कुल 11 करोड़ 16 लाख रुपये डलवा दिए। जब हाल ही में राजस्व विभाग में जब ऑडिट हुआ तो ये घोटाला सामने आया. ऑडिट में ऐसे 40 बैंक खातों का खुलासा हुआ जिनमें दो से लेकर तीन बार तक राहत राशि के पैसे डाले गए. कुल 8 बैंकों के ऐसे 40 खातों को होल्ड कर दिया गया है. राजस्व विभाग के पोर्टल पर अपलोड आदेश पत्र में लेटर पेड से लेकर सील और साइन सब कुछ फर्जी पाया गया है। 

केवलारी के तहसीलदार हरीश लालवानी के मुताबिक, "ये घोटाला मार्च 2020 से लेकर अक्टूबर 2022 के बीच किया गया. इस दौरान किसी को कानोकान खबर तक नहीं लगी. मामला सामने आने के बाद केवलारी थाने में FIR दर्ज कराई है. कलेक्टर साहब ने आरोपी को निलंबित कर दिया है. विभागीय जांच चल रही है" . 

आरोपी फरार बताया जा रहा है। इस पूरे मामले में क्षेत्रीय विधायक राकेश पाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह काम किसी एक व्यक्ति या कर्मचारी का नहीं है। इसमें बहुत से लोग शामिल हैं। इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में लाकर केस की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। साथ ही, उन्होंने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।