जानिए इस धनतेरस कैसे होगा त्रिपुष्कर योग में आपका भाग्योदय विशेष मुहूर्त धनतेरस की खरीददारी का मुहूर्त

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कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। धनतेरस से ही दीपावली के पांच दिवसीय दीपोत्सव का आरम्भ हो जाता है । धनतेरस के दिन  विशेष रूप से भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। सनातन हिंदू शास्त्रों में धनतेरस का महत्व विस्तार से बताया गया है। देवता और असुरों ने जिस समय समुद्र मंथन किया था । उस समय समुद्र मंथन के दौरान चौदह रत्न निकले थे । उस समय चौदहवें रत्न के रूप में भगवान धनवंतरी अमृत का कलश लेकर बाहर निकले थे ।

धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धनवन्तरि की पूजा का महत्व है। धनतेरस के दिन से ही भगवान गणेश, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा शुरू हो जाती है। कुबेर को चांदी अत्याधिक प्रिय है। इसलिए धनतेरस के दिन चांदी के सिक्के खरीदने का भी विधान है। धनतेरस पर बर्तन खरीदना काफी शुभ माना जाता है।

इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि मंगलवार, 02 नवंबर को होने के चलते धनतेरस का त्यौहार इसी दिन मनाया जाएगा।

वहीं इस साल धनतेरस पर बन रहे दो शुभ योग त्योहार की प्रमुखता बढ़ा रहे हैं। इसके तहत जहां इस दिन त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है, वहीं इसी दिन लाभ अमृत योग भी बन रहा है।

इस साल मंगलवार,2 नवंबर 2021 दिन ko धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मंगलवार, 2 नवंबर को प्रदोष काल 5:37 PM से 08:11 PM तक का है,

ऐसे में वृषभ काल 06:18 PM से 08:14 PM तक रहेगा।

जिसके चलते धनतेरस के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त 06:18 PM से 08:11 PM तक रहेगा।

त्रिपुष्कर योग को धनतेरस के दिन बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस योग में खरीदारी करने वालों का निश्चित तौर पर भाग्योदय होता है। दरअसल यह इस शुभ योग का निर्माण मंगलवार और द्वादशी तिथि के संयोग से होता है।

ऐसे में इस बार द्वादशी तिथि सोमवार, 01 नवंबर से शुरु होकर मंगलवार,02 नवंबर की सुबह 11:30:16 बजे तक रहेगी। जिसके कारण मंगलवार, 2 नवंबर को सूर्योदय से लेकर सुबह करीब साढ़े 11 बजे तक त्रिपुष्कर योग का लाभ लिया जा सकता है।

त्रिपुष्कर योग के अतिरिक्त इस साल दूसरा शुभ योग लाभ अमृत योग भी धनतेरस के दिन बन रहा है। ज्योतिष के जानकार ए के शुक्ला के अनुसार अमृत योग को बाजार से नई चीजों की खरीदारी के मामले में उत्तम माना जाता है। यह योग धनतेरस के दिन सुबह दस बजकर तीस मिनट से दोपहर एक बजकर तीस मिनट तक लाभ अमृत रहेगा।

धनतेरस 2021 पर खरीदारी का मुहूर्त ज्योतिष के जानकारों के अनुसार चूंकि 2 नवंबर को त्रिपुष्कर योग सुबह करीब साढ़े 11 बजे तक रहेगा और उसी दौरान लाभ अमृत योग का भी आरंभ हो जाएगा, जो एक बजकर तीस मिनट तक रहेगा। ऐसे में इन दोनों की अवधि जोड़ने पर धनतेरस में सूर्योदय से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक खरीदारी करना शुभ रहेगा।

धनतेरस 2021 मुहूर्त : 06 बजकर 18 मिनट से 08 बजकर 11 मिनट तक का मुहूर्त है,

इस काल में पूजा भी होगी।

अभिजीत मुहूर्त : 11:19 AM से 12:04 PM तक।

यह मुहूर्त खरीदारी के लिए यह शुभ है।

विजय मुहूर्त : 01:33 PM से 02:18 PM तक।

शाम और रात के मुहूर्त :

गोधूलि मुहूर्त (शाम ): 05:05 PM से 05:29 PM तक।

प्रदोष काल (शाम ): 5:37 PM बजे से 08:11 PM बजे तक रहेगा।

धनतेरस मुहूर्त (शाम) 06:18:02 से 08:11:04 तक।

इस काल में पूजा और खरीदी दोनों हो सकती है।वृषभ काल– 06:18 PM से 08:14 PM तक।

निशिता मुहूर्त- 11:16 PM से 12:07 AM तक।

दिन का चौघड़िया लाभ- 10:43 AM से 12:04 PM तक।

अमृत- 12:04 PM से 01:26 PM तक।

शुभ- 02:47 PM से 04:09 PM तक।

रात का चौघड़िया : लाभ- 07:09 से 08:48 तक।शुभ- 10:26 से 12:05 तक।

अमृत- 12:05 से 01:43 तक।