Ganesh Chaturthi: गणाधिप संकष्‍टी चतुर्थी के ये उपाय जगाएंगे भाग्‍य, बनेंगे सभी बिगड़े काम, सुख-समृद्धि के साथ मिलेगा धन-संपदा का वरदान

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। ऐसे ही मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है।

Ganesh Chaturthi: गणाधिप संकष्‍टी चतुर्थी के ये उपाय जगाएंगे भाग्‍य, बनेंगे सभी बिगड़े काम, सुख-समृद्धि के साथ मिलेगा धन-संपदा का वरदान

प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित मानी जाती है। ऐसे में मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाले चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। साधक इस दिन गणेश जी की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत आदि भी करते हैं।

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। ऐसे ही मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है। इस साल ये व्रत 30 नवंबर 2023 को रखा जा रहा है। 

इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के संकटों से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ खास उपाय करके व्यक्ति सुख-समृद्धि, धन-संपदा, यश-कीर्ति पा सकता है। जानें गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर कौन से उपाय करना होगा शुभ।

गणाधिप संकष्‍टी चतुर्थी व्रत के दिन कुछ खास उपाय करना बहुत लाभ देता है. यह आपकी मनोकामनाएं पूरी कर सकता है. आइए जानते हैं गणाधिप संकष्‍टी चतुर्थी के उपाय. 

संकष्‍टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करें और पूजा में दूर्वा जरूर चढ़ाएं. इसके लिए दूर्वा के 11 जोड़े चढ़ाएं. दूर्वा चढ़ाते समय 'इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें.

भगवान गणेश बुद्धि, सुख-समृद्धि के दाता हैं. उनकी पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है. जिससे सुख-समृद्धि, बुद्धिमत्‍ता, संवाद में निपुणता बढ़ती है. चतुर्थी के दिन गणेश जी को प्रसन्‍न करने के लिए भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं. सिंदूर चढ़ाते समय 'सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्. शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें. 

यदि कुंडली में शनि दोष हो या शनि की साढ़ेसाती-ढैय्या चल रही हो तो संकष्‍टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को शमी की पत्तियां अर्पित करें. साथ ही शमी के पेड़ की पूजा करें. 

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurat)

कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 नवंबर, गुरुवार के दिन दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से शुरू हो रही है। साथ ही इसका समापन 01 दिसंबर, शुक्रवार के दिन दोपहर 03 बजकर 31 पर होगा। ऐसे में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 30 नवंबर को किया जाएगा।

बनेंगे सारे बिगड़े काम

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिल सकता है। साथ ही इस दिन भगवान गणेश को पूजा के दौरान उन्हें सिंदूर और जोड़े में दूर्वा अर्पित करें। ऐसा करने से साधक को सभी बिगड़े काम बनने लगेंगे।

करें इन मंत्रों का जाप

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन ओम गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है। इससे व्यक्ति की धन संबंधी परेशानियां दूर हो सकती हैं। इस दिन गणेश जी को साबुत चावल के दाने अर्पित करते समय 'इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही इस दिन श्रीगणेश पंचरत्न स्त्रोत का पाठ करने से साधक को नया वाहन या घर खरीदने के योग बनते हैं।
इस रंग के वस्त्र धारण करें

गणेश जी की पूजा में लाल वस्त्र धारण करने चाहिएं। साथ ही लाल चंदन का प्रयोग करें, इससे मानसिक शांति मिलती है। वहीं, अगर कोई साधक इस दिन सफेद या पीले रंग के वस्त्र धारण करके गणेश जी की पूजा-अर्चना करता है तो इससे संतान की उन्नति होती है।

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने के साथ-साथ श्री गणेश पंचरत्न स्तोत्र का पाठ करें. इससे तमाम समस्‍याएं दूर होती हैं और जीवन में खुशहाली आती है. 

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