कतर में फांसी की सजा पाए 8 भारतीय नागरिक रिहा, भारत सरकार ने किया फैसले का स्वागत
क़तर के अमीर के आदेश पर भारतीयों की रिहाई हुई है.आठों भारतीयों को पहले मौत की सज़ा दी गई थी. एक अपील के बाद मौत की सज़ा बदल कर 5 से 25 साल तक की क़ैद की सज़ा दी गई थी. दूसरी अपील पर सुनवायी चल रही थी. इस बीच अमीर के आदेश पर रिहाई हो गई. सात भारतीय देश लौट गए हैं. भारत ने क़तर के अमीर का शुक्रिया किया है.
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पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है क्योंकि कतर ने सोमवार को उन 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया है, जिन्हें कथित तौर पर जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. इससे पहले नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद दोहा ने पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों की मौत की सजा को कम कर के जेल की सजा में बदल दिया था.
क़तर के अमीर के आदेश पर भारतीयों की रिहाई हुई है.आठों भारतीयों को पहले मौत की सज़ा दी गई थी. एक अपील के बाद मौत की सज़ा बदल कर 5 से 25 साल तक की क़ैद की सज़ा दी गई थी. दूसरी अपील पर सुनवायी चल रही थी. इस बीच अमीर के आदेश पर रिहाई हो गई. सात भारतीय देश लौट गए हैं. भारत ने क़तर के अमीर का शुक्रिया किया है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी और द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले "भारतीय समुदाय की भलाई" पर चर्चा की थी. पीएम मोदी 1 दिसंबर 2023 को COP28 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.
विदेश मंत्रालय के नवनियुक्त प्रवक्ता जयसवाल ने कहा था कि ''मामले पर उन्हें कतर की सर्वोच्चतम न्यायालय ''कोर्ट ऑफ कैसेशन'' में अपील करने के लिए 60 दिन का समय मिला है. विदेश मंत्रालय की कानूनी टीम के पास गोपनीय अदालती आदेश भी है जिसमें मौत की सजा को कारावास की शर्तों में बदलने का विवरण दिया गया था. कतर की अदालत ने मौत की सजा को कारावास में बदलने के इस फैसले को 28 दिसंबर 2023 को सुनाया था.