मोदी से इस बार जीत का रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद- एक ही सीट से तीन बार लड़ने वाले तीसरे प्रधानमंत्री

भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी पांच बार लखनऊ से सांसद रहे हैं, लेकिन लगातार 1996, 1998 और 1999 में सांसद बनने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद पर रहने का गौरव हासिल हुआ। अब नरेंद्र मोदी 2014 और 2019 में वाराणसी के सांसद निर्वाचित हुए। दोनों ही बार उनके नेतृत्व में केंद्र में प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनीं। तीसरी बार फिर से मोदी ने वाराणसी ने नामांकन करके दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों की एक ही लोकसभा सीट से लगातार तीन बार चुनाव लड़ने की बराबरी कर ली है।

मोदी से इस बार जीत का रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद- एक ही सीट से तीन बार लड़ने वाले तीसरे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी संसदीय सीट से तीसरी बार नामांकन कर स्वतंत्र भारत के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू और भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी की बराबरी कर ली है। दोनों पूर्व प्रधानमंत्री अपने अपने क्षेत्र (एक ही लोकसभा) से चुनाव लड़कर भारी मतों से जीते थे। अब मोदी ने बतौर पीएम तीसरी बार एक ही लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरकर बराबरी की है। 

प्रयागराज जिले की फूलपुर सीट से पंडित नेहरू तीन बार 1951-52, 1957 और 1962 में सांसद रहे और तीनों ही बार उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर देश की बागडोर संभाली। पं. नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ। 

वैसे तो भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी पांच बार लखनऊ से सांसद रहे हैं, लेकिन लगातार 1996, 1998 और 1999 में सांसद बनने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद पर रहने का गौरव हासिल हुआ। अब नरेंद्र मोदी 2014 और 2019 में वाराणसी के सांसद निर्वाचित हुए। दोनों ही बार उनके नेतृत्व में केंद्र में प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनीं। तीसरी बार फिर से मोदी ने वाराणसी ने नामांकन करके दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों की एक ही लोकसभा सीट से लगातार तीन बार चुनाव लड़ने की बराबरी कर ली है।


14 में से नौ प्रधानमंत्री यूपी से : भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में 14 प्रधानमंत्री हुए, जिनमें से नौ उत्तर प्रदेश से आए। पंडित जवाहर लाल नेहरू से शुरू हुआ यह सिलसिला नरेंद्र मोदी तक आ पहुंचा है। इस दौरान लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी यूपी की अलग-अलग सीटों से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और निर्वाचित सांसदों ने उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में अपना नेता चुना।