भारतीय कप्तान पर आया जब कोच की बेटी का दिल, फोन से फोन नंबर चुराया और..
सुनील छेत्री को भारत का सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर और इस खेल का पोस्टरबॉय माना जा सकता है. बाईचुंग भूटिया के बाद यह 39 वर्षीय सुनील ही हैं जिन्होंने फुटबॉल जगत में भारत को पहचान दी और युवाओं को इस खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया. कई खेलप्रेमियों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि इंटरनेशनल मैचों में गोल दागने के मामले में सुनील छेत्री इस समय दुनिया के नंबर तीन फुटबॉलर हैं.
सुनील छेत्री को भारत का सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर और इस खेल का पोस्टरबॉय माना जा सकता है. बाईचुंग भूटिया के बाद यह 39 वर्षीय सुनील ही हैं जिन्होंने फुटबॉल जगत में भारत को पहचान दी और युवाओं को इस खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया. कई खेलप्रेमियों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि इंटरनेशनल मैचों में गोल दागने के मामले में सुनील छेत्री इस समय दुनिया के नंबर तीन फुटबॉलर हैं. महान क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनल मेसी ही उनसे आगे हैं.
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील अब तक इंटरनेशनल मैचों में 93 गोल कर चुके हैं. मौजूदा फुटबॉलरों में उनसे ज्यादा गोल पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो (128) और लियोनल मेसी (106) ने ही किए हैं. भारत की ओर से सबसे अधिक इंटरनेशनल मैच (148) भी सुनील ने ही खेले हैं. भारत के इस स्टार फुटबॉलर के करियर में निर्णायक मोड़ तब आया जब मोहन बगान क्लब ने उनके टैलेंट का पहचाना और पेशेवर स्तर पर खेलने के लिए अपने साथ जोड़ा. मोहन बगान से खेलना सुनील के लिए दो मायने में फायदेमंद रहा. इस क्लब के लिए खेलते हुए ही उन्हें भारतीय फुटबॉल जगत में नाम मिला और यहीं से उनकी प्रेम कहानी परवान चढ़ी जो बाद में शादी में तब्दील हुई.
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मोहन बगान के अपने कोच की बेटी से की है शादी
दरअसल, सुनील ने मोहन बगान टीम के अपने कोच सुब्रत भट्टाचार्य की बेटी सोनम से शादी की है. सुब्रत इंटरनेशनल स्तर पर भारत की ओर से फुटबॉल खेल चुके हैं. सुनील के खेल कौशल और समर्पण भाव से सुब्रत बेहद प्रभावित थे और अकसर बेटी के सामने उसका जिक्र करते थे. यह तारीफ सुनकर सोनम का सुनील पर दिल आ गया. उन्होंने पिता के फोन से सुनील का फोन नंबर चुराया और इस फुटबॉलर को फोन करके कहा कि वे उनके खेल का पसंद करती हैं और मिलना चाहती हैं.
सुनील को तब यह अहसास नहीं था कि मुलाकात के लिए फोन करने वाली यह फैन उनके कोच की ही बेटी है. सुनील की उम्र उस समय 18 वर्ष थी जबकि सोनम महज 15 वर्ष की थीं.
सुनील ने पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह दी थी
सुनील छेत्री ने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘पहली मुलाकात के दौरान सोनम की छोटी उम्र को देखते हुए मैंने उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह दी थी. सोनम ने जब एक बार फिर कॉल किया था तो मैंने उसे डपट दिया था कि यदि कोच को पता लग गया तो उनका करियर भी बरबाद हो जाएगा. सोनम ने इसके बाद उनसे माफी भी मांगी थी. हालांकि इसके बावजूद मैं सोनम को अपने दिल से निकाल नहीं पाया था.’ बाद में दोनों की मुलाकात का यह सिलसिला चल निकला.
छुप-छुपकर किया करते थे मुलाकात
सोनम के कोच पिता की निगाह से बचकर मिलना इतना आसान नहीं था. हमेशा पकड़े जाने का डर बना रहता था, ऐसे में मैसेज के जरिये भी ये संपर्क में बने रहते थे. फुटबॉल के प्रति कमिटमेंट के कारण सुनील को खूब ट्रेवल करना होता था. इस कारण दोनों के बीच मुलाकात कम ही हो पाती थी. सिनेमाघर में ये मिलते थे लेकिन साथ में नहीं बल्कि अलग-अलग थिएटर पहुंचते थे. कई सालों तक लुकाछुपी के इस खेल के बीच इन दोनों का प्यार मजबूत होता गया और एक दशक के बाद दोनों ने इसे शादी तक ले जाने का फैसला किया.
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वर्ष 2017 में की शादी
सुनील इस समय तक देश की फुटबॉल में सेलब्रिटी का दर्जा हासिल कर चुके थे. शोहरत के साथ-साथ दौलत भी उनके कदम चूम रही थी. करीब 13 साल डेट करने के बाद सुनील ने एक दिन हिम्मत जुटाई और अपने पूर्व कोच से हिम्मत करके बेटी का हाथ मांग लिया. वे इस समय बेहद नर्वस थे लेकिन पिता ने कुछ समय विचार करने के बाद शादी को हरी झंडी दे दी. 4 दिसंबर 2017 को सुनील और सोनम विवाह बंधन में बंध गए. अगस्त 2023 में इनके बेटे ध्रुव का जन्म हुआ.
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नेपाली मूल के हैं माता-पिता
3 अगस्त 1984 को आंध्रप्रदेश के सिकंदराबाद में जन्मे सुनील के माता-पिता नेपाली मूल के हैं. उनकी मां सुशीला और दो बहनें नेपाल की ओर से फुटबॉल भी खेल चुकी हैं. सुनील के पिता केबी छेत्री भारतीय सेना में नौकरी करते थे, इस दौरान वे भारत के कई शहरों में रहे. फुटबॉल का खेल हालांकि सुनील को विरासत में मिला है लेकिन शुरुआत में वे इसे लेकर बहुत गंभीर नहीं थे. स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी हासिल करने के लिए ही उन्होंने फुटबॉल खेलना प्रारंभ किया था. मोहन बगान की ओर से खेलने के बाद सुनील जेसीटी, ईस्ट बंगाल और चर्चिल ब्रदर्स से भी जुड़े. इंडियन सुपर लीग (ISL) में वे मुंबई सिटी एफसी की ओर से खेलने के बाद इस समय बेंगलुरु एफसी के कप्तान हैं
वर्ष 2005 में भारत की ओर से इंटरनेशनल करियर का आगाज करने वाले सुनील को फुटबॉल में उल्लेखनीय योगदान के लिए अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री और खेल रत्न से नवाजा जा चुका है. भारत के लिए सबसे अधिक गोल दागने, सबसे अधिक मैच खेलने के साथ-साथ सबसे अधिक हैट्रिक (4) लगाने का रिकॉर्ड भी सुनील के नाम पर है.