हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को इन संकेतों से समझें आपका शरीर देगा ऐसे संकेत क्या करें ताकि कोलेस्ट्रॉल न बढ़े

सबसे चिंता की बात यह है कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कोई खास लक्षण समझ नहीं आता है और जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यही वजह है कि डॉक्टर समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराने की सलाह देते हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल के लक्षण या संकेत (High Cholesterol Symptoms) बिल्कुल ही नहीं दिखते हैं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को इन संकेतों से समझें आपका शरीर देगा ऐसे संकेत क्या करें ताकि कोलेस्ट्रॉल न बढ़े

शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ना एक गंभीर समस्या बनाता जा रहा है। यह एक गंदा पदार्थ है जो खून की नसों में जमा होता है। इसका लेवल अधिक होने से आपको दिल के रोग, नसों के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। 

कलेस्ट्रॉल वसा की तरह का पदार्थ है जो शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। तकनीकी तौर पर यह एक लिपिड है जो कि खून में circulates के रूप में जाना जाता है। हमारे शरीर में खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करने और अन्य कार्यों के लिए कलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। शरीर की हर कोशिका के जीवन के लिए कलेस्ट्रॉल का होना आवश्यक है। चूँकि यह वसा/ चर्बी युक्त होता है इसलिए यह रक्त में नहीं मिलता है और छोटे छोटे कणों जिसे लाइपो प्रोटीन कहते हैं के रूप में संचरित होता है। 

यह हमारे रक्त में पाया जानेवाला वसा (Fat) है, जो की एक व्यक्ति के स्वस्थ जीवन के लिए बहुत ज़रूरी होता हैे, लेकिन अगर रक्त (blood) में इसकी मात्रा सामान्य से अधिक हो जाये, तो रक्त में थक्के (Blood Clotting ) जम जाते हैं, जो की हृदय के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। डॉक्टर्स का कहना है की, हर किसी के शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 एमजी/डीएल (Mg / dl) से कम ही रहना चाहिए। नहीं तो, हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

कोलेस्ट्रॉल क्या है? 
यह एक वसा जैसा या मोम जैसा पदार्थ है, जो शरीर में कोशिका झिल्ली, कुछ हार्मोन और विटामिन डी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है- एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को गंदा माना जाता है क्योंकि यही शरीर में असली परेशानी की जड़ है जबकि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल अच्छा होता है और शरीर के कई कामकाज में सहायक है।
आपको कैसे पता चलेगा कि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ गया है?

सबसे चिंता की बात यह है कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कोई खास लक्षण समझ नहीं आता है और जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यही वजह है कि डॉक्टर समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराने की सलाह देते हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल के लक्षण या संकेत (High Cholesterol Symptoms) बिल्कुल ही नहीं दिखते हैं। कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो आपको अपने चेहरे पर नजर आ सकते हैं। हम आपको कोलेस्ट्रॉल के कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जो किसी व्यक्ति के चेहरे पर दिखाई दे सकते हैं।

•    ज़ेन्थोमास- कई बार पलकों पर मुलायम उभार हो जाता है, जो हल्का पीला सा नजर आता है और छूने में बहुत मुलायम होता है, जिसे ज़ेन्थोमास कहा जाता है। इस स्थिति में पलकों की त्वचा के नीचे मोम जमा हो जाता है।
•    कॉर्नियल आर्कस- कई बार कॉर्निया के चारों ओर एक पतली सफेद रेखा दिखाई देती है। ऐसा माना जाता है कि कॉर्नियल आर्कस हाई कोलेस्ट्रॉल का एक बड़ा संकेतक है।
•    Eruptive xanthoma- चेहरे, गालों और माथे पर पीले रंग के उभार भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का संकेत देते हैं। ये नितंबों, कोहनियों, हाथों और घुटनों पर भी दिखाई देते हैं।
•    सोरायसिस- यदि आपको अपने चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर त्वचा पर लाल और खुजली वाले धब्बे दिखाई दें तो तुरंत इसका इलाज कराएं। इसे सोरायसिस कहा जाता है। यह उन लोगों में भी देखी जाती है जिनके खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक होता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल के प्रकार
 
कोलेस्ट्रॉल के मुख्य 2 प्रकार होते हैं, जो लिपोप्रोटीन के आधार पर होते है, जैसे की –
 
गुड कोलेस्ट्रॉल (उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL)) -
जो उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) होते है उसे गुड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। यह शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को लीवर में वापस लाकर शरीर को साफ़ करता है और साथ ही यह धमनियों (Arteries) में कोलेस्ट्रॉल पट्टिका (plaque) के निर्माण को रोकने में भी मदद करता है।
यदि आपके शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL cholesterol) का स्वस्थ स्तर है तो यह आपके शरीर में दिल का दौरा, स्ट्रोक और रक्त के थक्के जमने (Blood clotting) के जोखिम के स्तर को कम करने में मदद करता है।
 
खराब कोलेस्ट्रॉल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन)
 
यदि आपके रक्त में बहुत अधिक खराब कोलेस्ट्रॉल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है। कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) को अक्सर “खराब कोलेस्ट्रॉल” कहा जाता है। यह आपकी धमनियों (arteries) में उच्च कोलेस्ट्रॉल को ले जाता है और रक्त के प्रवाह (Blood flow) में बाधा डालता है और साथ ही धमनियों (Arteries) को भी सिकोड़ कर छोटा कर देता है, जिस वजह से रक्त संचार (Blood circulation) ठीक तरह से दिल और मस्तिष्क में नहीं पहुँच पाता है।
 
हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
 
 •    सीने में दर्द होना हो सकता है हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
 
•    एनजाइना (angina)
 
•    दिल का दौरा (Heart Attack)
 
•    आघात (stroke)
  
यह सारी बीमारिया हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण हो सकते है, अगर इनका सही समय से जांच नहीं हो पाता है, तो यह जानलेवा हो सकता है।


  
हाई कोलेस्ट्रॉल होने के कारण
 
•    अनियमित खानपान बन सकता है हाई कोलेस्ट्रॉल होने का कारण।
 
•    शारीरिक गतिविधि का अभाव होने से भी हाई कोलेस्ट्रॉल की संभावना बढ़ सकती है।
 
•    अत्यधिक धुम्रपान का सेवन करना भी हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण हो सकता है।
 
•    अधिक वजन बढ़ने से भी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है।
 
•    उम्र बढ़ने की वजह से भी आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता जाता है जो कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन की वजह से हो सकता है।
 
•    आनुवंशिक (heredity) भी हो सकता है हाई कोलेस्ट्रॉल होने के कारण।
  
हाई कोलेस्ट्रॉल की जटिलताये
  
•    छाती में दर्द (Chest Pain)
 
•    दिल का दौरा (Heart Attack)
 
•    आघात (Stroke)

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर इन खाद्य पदार्थो से परहेज करे
  
•    लाल मांस (red meat)
 
•    पूर्ण वसा वाली डेयरी पदार्थ (full-fat dairy product)
 
•    मक्खन (बटर)
 
•    हाइड्रोजनीकृत तेल (hydrogenated oils)
 
•    पके हुए खाद्य पदार्थ (baked goods)
  
हाई कोलेस्ट्रॉल की जांच
  
डॉक्टर हाई कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच करने के लिए रक्त परीक्षण कराने की सलाह देते है, जिसे लिपिड पैनल या लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (lipid panel or lipid profile) भी कहा जाता है।
 
•    कुल कोलेस्ट्रॉल (Total cholesterol)
 
•    निम्न घनत्व वसा कोलेस्ट्रौल (LDL cholesterol)
 
•    एच डी एल कोलेस्ट्रॉल (HDL cholesterol)
 
•    ट्राइग्लिसराइड्स – रक्त में वसा का एक प्रकार (Triglycerides)
 
•    हाई कोलेस्ट्रॉल की जांच के सबसे सटीक माप के लिए, रक्त का नमूना (Blood sample) लेने से पहले नौ से 12 घंटे के लिए (पानी के अलावा) कुछ भी न खाएं न पीएं।
  
हाई कोलेस्ट्रॉल से बचने के उपाय
  
•    वजन को कम करें।
 
•    फलों, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें।
 
•    मोनोअनसैचुरेटेड वसा का सेवन करें (एवोकाडो, नट्स और ऑयली मछली स्वस्थ वसा के अन्य स्रोत हैं)।
 
•    अगर आप चाहते है की आपका कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहे तो आप नियमित रूप से व्यायाम करें।
 
•    यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इससे भी परहेज करे।