Indigo Crises: इंडिगो की उड़ानों में आज भी जारी रहेगी देरी, दिल्ली हवाई अड्डे पर परिचालन धीमा
इंडिगो ने रविवार को 650 से अधिक उड़ानें रद्द कीं. दो दिन पहले यह संख्या 1,000 से ज्यादा थी, जो स्थिति की गंभीरता को दिखाती है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि एयरलाइन अब तक प्रभावित यात्रियों को 610 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड कर चुकी है.
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो अब भी अपने संचालन को सामान्य नहीं कर पाई है. लगातार सातवें दिन सोमवार को भी कई उड़ानों में देरी और रद्दीकरण जारी रहा, जिससे हवाई यात्रियों की परेशानी कम होने के बजाय और बढ़ गई है. भारत की विमानन इतिहास में इस तरह का लंबा संकट इससे पहले शायद ही कभी देखने को मिला हो.
दिल्ली एयरपोर्ट ने सोमवार को एक नई एडवाइजरी जारी कर यात्रियों को आगाह किया है कि इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान जारी रह सकता है. हवाई अड्डे ने सलाह दी है कि यात्री एयरलाइन से अपडेट लेते रहें और अपनी उड़ानों की स्थिति पहले ही जांच कर लें.
इंडिगो ने रविवार को 650 से अधिक उड़ानें रद्द कीं. दो दिन पहले यह संख्या 1,000 से ज्यादा थी, जो स्थिति की गंभीरता को दिखाती है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि एयरलाइन अब तक प्रभावित यात्रियों को 610 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड कर चुकी है. लाखों यात्रियों को इससे भारी असुविधा झेलनी पड़ी है. कई लोग एयरपोर्ट पर घंटों फंसे रहे, तो कई अपनी अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिंग फ्लाइट भी चूक गए.
इंडिगो के अनुसार, उड़ान रद्द होने की सबसे बड़ी वजह कॉकपिट क्रू की कमी है. सरकार द्वारा फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों के सख्त पालन के बाद पायलटों को अनिवार्य अतिरिक्त आराम समय देना पड़ा, जिससे एक साथ बड़ी संख्या में उड़ान कार्यक्रम बाधित हो गए.
नई पायलट ड्यूटी सीमाओं के लागू होने से एयरलाइन अपने क्रू कार्यक्रम को संतुलित नहीं कर पाई और परिणामस्वरूप उड़ानें बड़े पैमाने पर प्रभावित हुईं. सरकार ने हालात बिगड़ते देख दखल दिया और इस नियम के लागू होने पर अस्थायी रोक लगा दी. एयरलाइन का अनुमान है कि संचालन 10 दिसंबर तक सामान्य हो जाएगा.
एयरलाइन को जवाब देने की मोहलत
नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोरक्वेरस को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा बढ़ा दी है. अब दोनों को सोमवार शाम 6 बजे तक अपना जवाब भेजना होगा. DGCA ने स्पष्ट किया है कि एयरलाइन को यह बताना होगा कि इतने बड़े व्यवधान के बावजूद वह पर्याप्त तैयारी क्यों नहीं कर पाई.