UP: हादसे रोकने के लिए हाईवे पर बनेंगे सुरक्षित कट, नए सिरे से तय होंगे कट बनाने के मानक 

हाईवे पर बनने वाले कट की स्थिति की दिक्कतों के कारण बढ़ रहे हादसों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को इंडियन रोड कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है। हाईवे पर अब वाहन सवार राहगीरों के लिहाज से सुरक्षित और सुविधाजनक कट बनेंगे।

UP: हादसे रोकने के लिए हाईवे पर बनेंगे सुरक्षित कट, नए सिरे से तय होंगे कट बनाने के मानक 

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को इंडियन रोड कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है। हाईवे पर बनने वाले कट की स्थिति की दिक्कतों के कारण बढ़ रहे हादसों को रोकने के लिए दिए प्रस्ताव पर विशेषज्ञ टीम काम करेंगी।

हाईवे पर बनने वाले कट की स्थिति की दिक्कतों के कारण बढ़ रहे हादसों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को इंडियन रोड कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है। इस प्रस्ताव पर आईआरसी की विशेषज्ञ टीमें काम करेंगी। हाईवे पर अब वाहन सवार राहगीरों के लिहाज से सुरक्षित और सुविधाजनक कट बनेंगे। कट कहां और कैसे बने इसका मानक नये सिरे से तय किया जाएगा। इसी क्रम में हाईवे को ग्रीन रेटिंग के मानक भी तय होंगे।

अहमदाबाद में शनिवार से शुरू इंडियन रोड कांग्रेस में सड़क हादसों को कम करने और गांवों तक चौड़ी मजबूत सड़कें बनाने का प्रस्ताव यूपी पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष एके जैन ने रखा। जैन इस समय आईआरसी के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं। उन्होंने सड़कों के लिए कुल 11 प्रस्ताव प्रस्तुत किए। इन प्रस्तावों में हादसों को कम करने, सड़कों को अधिक टिकाऊ व सुविधाजनक बनाने, रोड सेफ्टी के वेस्टर्न मानकों की जगह भारतीय मानक तय करने को प्रमुखता से शामिल किया गया है। 

एके जैन के मुताबिक, अधिकांश हाईवे पर कट सही जगह पर नहीं बने हैं। जिसकी वजह से दो पहिया व चार पहिया वाहन चालक सही दिशा में अधिक दूरी तय करने से बचने के लिए गलत दिशा में कम दूरी तय करने के इरादे से निकल पड़ते हैं। यही सड़क हादसों का बड़ा कारण बनता है। हाईवे पर कोई आबादी या कोई ग्रामीण सड़क आकर मिल रही है तो रोड क्रास करने का कट कहां बने यह जगह नये सिरे से चिन्हित किए जाने की जरूरत है। 

जैन ने दूसरे प्रस्ताव में बिल्डिंग में लागू ग्रीन रेटिंग की तरफ हाईवे के लिए भी ग्रीन रेटिंग दिए जाने का प्रस्ताव दिया। जिसमें सड़कों की क्वालिटी, सुविधाएं और हादसों को न्यूनतम करने के मानकों के आधार पर हाईवे को टू, थ्री, फोर, व फाइव स्टार रेटिंग दिए जाने का सुझाव दिया। रेटिंग के आधार पर ही टोल टैक्स की दरें तय करने का सुझाव भी है। 

अपनी प्रस्तुतिकरण में जैन ने यह भी मुद्दा उठाया कि भारतीय सड़कें अधिकतम 120 किमी की गति के लिहाज से बनती हैं, जबकि बाजार में जो कारें बिक रही हैं उनमें अधिकतम गति 250 किमी तक है। हादसों का यह भी बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि वाहन निर्माता कंपनी से ही वाहनों की गति सड़कों की अधिकतम क्षमता के मुताबिक तय करते हुए बिक्री के लिए प्रस्तुत किए जाने की व्यवस्था होनी चाहिए।