बसपा के प्रभाव वाली अकबरपुर सीट पर हैट्रिक की तैयारी में BJP, जमीनी मुद्दे आज भी हावी

उत्तर प्रदेश की कानपुर देहात की खुद की कोई लोकसभा सीट नहीं हैं। कानपुर देहात की चारों विधानसभा सींटे जालौन, इटावा, कन्नौज और अकबरपुर में बंटी हुईं हैं। अकबरपुर लोकसभा सीट (Akbarpur Loksabha Seat) को ही कानपुर देहात की लोकसभा सीट मानी जाती है।

बसपा के प्रभाव वाली अकबरपुर सीट पर हैट्रिक की तैयारी में BJP, जमीनी मुद्दे आज भी हावी

उत्तर प्रदेश की कानपुर देहात की खुद की कोई लोकसभा सीट नहीं हैं। कानपुर देहात की चारों विधानसभा सींटे जालौन, इटावा, कन्नौज और अकबरपुर में बंटी हुईं हैं। अकबरपुर लोकसभा सीट (Akbarpur Loksabha Seat) को ही कानपुर देहात की लोकसभा सीट मानी जाती है। जबकि अकबरपुर लोकसभा सीट में रनियां विधानसभा को छोड़कर बाकी सभी सीटें कानपुर नगर की आती हैं। कानपुर नगर से टूट कर अलग होने के बाद कानपुर देहात जिला अस्तित्व में आया था। प्रदेश में जब मायावती की सरकार की थी, तो उन्होंने कानपुर देहात का नाम बदलकर रमाबाई नगर कर दिया था। लेकिन 2012 में जब प्रदेश में सपा की सरकार आई, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रमाबाई नगर नाम हटाकर फिर से कानपुर देहात कर दिया था।

अकबरपुर लोकसभा में कानपुर की विधानसभा सीटें
कानपुर देहात की अकबरपुर लोकसभा सीट में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें रनियां विधानसभा सीट, कानपुर नगर की घाटमपुर विधानसभा सीट, महाराजपुर विधानसभा सीट, कल्याणपुर विधानसभा सीट और बिठूर विधानसभा शामिल हैं। इसके साथ ही बिल्हौर विधानसभा सीट का कुछ हिस्सा अकबपुर और कुछ हिस्सा मिश्रिख लोकसभा सीट में आता है।कानपुर देहात क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब काफी बड़ा जिला है। जिले में क्षत्रिय, ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और समान्य वोटरों की संख्या सर्वाधिक है। अकबरपुर लोकसभा सीट बसपा की मानी जाती है। इस सीट पर सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्र आते हैं। लोकसभा चुनाव 2004 में बसपा ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस के राजाराम पाल सांसद बने थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले लगातार जीत रहे हैं। बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले तीसरी बार भी टिकट के लिए दावा ठोक रहे हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में 2024 में अकबरपुर लोकसभा सीट से कई और भी दावेदार दावा ठोक रहे हैं।

कानपुर देहात से हैं तीन मंत्री
कानपुर देहात में चार विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें रनियां विधानसभा सीट, भोगनीपुर विधानसभा सीट, रसूलाबाद विधानसभा सीट और भोगनीपुर विधानसभा सीट। कानपुर देहात की चारो विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं, कानपुर देहात से प्रदेश सरकार में तीन मंत्री भी हैं। रनियां से विधायक प्रतिभा शुक्ला मंत्री हैं। भोगनीपुर विधानसभा सीट राकेश सचान मंत्री हैं। भोगनीपुर विधानसभा सीट अजीत पाल मंत्री हैं।