महिला जज का सुसाइड नोट: सरयू तट पर अंतिम संस्कार की लिखी बात, अयोध्या में घर बनाने का था सपना

महिला जज ज्योतसना राय ने बीते दिनों आत्महत्या कर ली है। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने सरयू नदी के तट पर अंतिम संस्कार करने की बात कही है। वह अपने सहकर्मियों से अयोध्या में घर बनाने की बात करती रहीं हैं।

महिला जज का सुसाइड नोट: सरयू तट पर अंतिम संस्कार की लिखी बात, अयोध्या में घर बनाने का था सपना

महिला जज ज्योतसना राय ने बीते दिनों आत्महत्या कर ली है। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने सरयू नदी के तट पर अंतिम संस्कार करने की बात कही है। वह अपने सहकर्मियों से अयोध्या में घर बनाने की बात करती रहीं हैं। 

22 जनवरी को श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह देख दिवंगत महिला जज के मन में अयोध्या में ही आशियाना बनाने की इच्छा हुई थी। यहां की तैनाती के दौरान के एक सहकर्मी से उन्होंने इसका जिक्र करते हुए आवासीय प्लाट लेने की बात भी उसी दिन कही थी। यह मंशा अधूरी होती देखकर ही शायद उन्होंने सुसाइड नोट में सरयू तट पर अंतिम संस्कार किए जाने की बात लिखी।

मूल रूप से मऊ के तहसील घोसी के गांव तराईडीह निवासी ज्योत्सना राय के पिता अशोक कुमार राय सहायक अभियोजन अधिकारी के रूप में अयोध्या में दो दशक पूर्व तैनात थे। उस समय ज्योत्सना राय पांच वर्ष की थीं और पिता के साथ यहीं रहती थीं। वर्ष 2018 में जब उनका उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में चयन हुआ, तब भी उनके पिता यहीं पर संयुक्त निदेशक अभियोजन के पद पर तैनात थे। 15 नवंबर 2019 को उनकी पहली कर्मभूमि भी अयोध्या रही तो यहां से उनका लगाव और गहरा हुआ।


12 अप्रैल वर्ष 2021 तक वह अतिरिक्त सिविल जज जूनियर डिवीजन, 13 अप्रैल से चार जुलाई 2022 तक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम व पांच जुलाई 2022 से 28 अप्रैल 2023 तक अतिरिक्त सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर उन्होंने दायित्व का निर्वहन किया। अपने सरल व्यवहार व सौम्य व्यक्तित्व से वरिष्ठ अधिकारियों और वादकारियों के बीच भी उनकी अच्छी साख रही। इस बीच उनका तबादला बदायूं हुआ तब भी उनका लगाव अयोध्या से कम नहीं हुआ। अपने सहकर्मियों से वह फोन के माध्यम से बराबर संपर्क में रहीं।

22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिव्य व भव्य समारोह को देखकर उन्होंने उसी दिन अयोध्या में निवास करने का संकल्प भी किया। अपने एक सहकर्मी से उन्होंने फोन पर इसका जिक्र किया था लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। शनिवार को उन्होंने बदायूं में ही अंतिम सांस ली और उनका यहां निवास करने का सपना अधूरा रह गया। अंतिम संस्कार में शामिल सहकर्मियों में भी यह चर्चा रही कि अयोध्या से जुड़े इसी लगाव के कारण ही शायद उन्होंने सरयू तट पर अपने अंतिम संस्कार की इच्छा जताई होगी।

बचपन से मेधावी थीं महिला जज, प्रदेश में थी छठवीं रैंक
महिला जज ज्योत्सना राय बचपन से ही मेधावी थीं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से उन्होंने दूरस्थ शिक्षा में एलएलएम की डिग्री ली थी। एलएलबी उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से किया था। लघु शोध प्रबंध उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के विधि संकाय अध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार राय के पर्यवेक्षण में किया। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा का परिणाम घोषित हुआ तो उन्हें प्रदेश में छठवीं रैंक मिली थी। उनके पिता के साथ कलेक्ट्रेट में तैनात रहे एक वरिष्ठ लिपिक ने बताया कि बचपन से ही वह विलक्षण प्रतिभा की धनी थीं। पढ़ लिखकर जीवन में सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने का उनमें जज्बा था।