Karva Chauth:कही हो ना जाये हो कोई गलती! पहली बार रख रही हैं करवा चौथ का व्रत तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

करवा चौथ का व्रत रखते हुए महिलाओं को व्रत से जुड़ी जरूरी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं तो यहां जानिए आपको किन बातों को खासतौर से ध्यान में रखना चाहिए.

Karva Chauth:कही हो ना जाये हो कोई गलती! पहली बार रख रही हैं करवा चौथ का व्रत तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं और कुंवारी लड़कियां होने वाले पति के लिए यह व्रत रखती हैं. करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति का चेहरा देखकर ही व्रत तोड़ा जाता है. 

इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर, बुधवार के दिन रखा जा रहा है. इस दिन सुनी जाने वाली कई पौराणिक कथाओं में इस बात का वर्णन है कि किस तरह करवा चौथ पर हुई एक गलती के कारण स्त्रियां अपने पति को खो देती हैं और फिर यमराज के मुंह से उसे खींच ले आती हैं. 

ऐसे में कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत रखते हुए महिलाओं को व्रत से जुड़ी जरूरी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं तो यहां जानिए आपको किन बातों को खासतौर से ध्यान में रखना चाहिए. 

पहला करवा चौथ का व्रत (First Karwa Chauth Vrat)
 
मेहंदी और सोलह श्रृंगार (Mehndi and Solah Shringar) -

करवा चौथ के दिन व्रत के साथ-साथ मेहंदी (Mehendi) लगाने और सोलह श्रृंगार करने का बेहद महत्व है. सुहागिन महिलाओं को इस दिन बिंदी, काजल, चूड़ियां, अंगूठी, मेहंदी, मंगलसूत्र और सिंदूर समेत सभी सोलह श्रृंगार करने के लिए कहा जाता है. 

कथा ना सुनने की गलती (Mistake of not listening story) -

करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. इस व्रत को तबतक अधूरा समझा जाता है जबतक कि महिलाएं करवा चौथ की पूजा करके कथा नहीं सुनती हैं. 

काले कपड़ों से करें परहेज (Avoid black clothes) -

आजकल फैशन को महत्ता अधिक दी जाने लगी है और रीति-रिवाजों को कम. यदि मान्यतानुसार करवा चौथ के दिन पहनने वाले शुभ रंगों की बात की जाए तो लाल, गुलाबी, हरा, पीला और संतरी रंग के कपड़े पहनना इस दिन बेहद अच्छा माना जाता है. हालांकि, सफेद और काले कपड़ों से परहेज की सलाह दी जाती है. 

सरगी खाने का सही समय (Right time to eat Sargi) -

करवा चौथ के दिन सरगी (Sargi) खाने की परपंरा है. सास इस दिन अपनी बहू को सरगी देती हैं और बहू व्रत शुरू करने से पहले यह सरगी खाती है. सरगी में खासतौर से इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सरगी सूर्योदय होने से पहले ही खा ली जाए. सूर्योदय होने के बाद निर्जला व्रत रखना जरूरी होता है. 

वाणी पर संयम रखना (Control your speech) -

व्रत रख रही महिलाओं को वाणी पर संयम और बड़े-बुजुर्गा का सम्मान ध्यान में रखने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि व्रत में यदि किसी के भी प्रति असम्मान की भावना मन में रखी जाए और गाली-गलौच की जाए तो मनोकामनाएं पूर्ण नहीं होती हैं. 

करवा चौथ की पूजा (Karva Chauth worship)-

करवा चौथ की पूजा सायंकाल से लगभग एक घंटा पूर्व उत्तर-पूर्व दिशा यानि ईशान कोण की ओर मुख करके करनी चाहिए. इसके बाद चंद्रोदय के समय उनका पूजन करते हुए अर्घ्य देना चाहिए.

परिवार मांस- मदिरा का सेवन ना करे -

करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं और परिवार के अन्य सदस्यों को मांस- मदिरा का सेवन करने से खाने से बचना चाहिए।

इन चीजों का ना करे दान -

करवा चौथ के दिन किसी को दूध, दही, चावल या उजले वस्त्र दान नहीं देना चाहिए.

करवा चौथ व्रत को अमूमन सुहागिन स्त्रियां ही व्रत रखती हैं, लेकिन यदि किसी कन्या का विवाह तय हो चुका है तो वह वह भी अपने होने वाले पति के नाम का करवा चौथ व्रत रख सकती है, लेकिन उसे चंद्र दर्शन की बजाय तारों को देखकर व्रत खोलना चाहिए. करवा चौथ के दिन किसी को दूध, दही, चावल या उजले वस्त्र दान नहीं देना चाहिए. करवा चौथ के दिन पूजा के बाद विशेष रूप से अपने माता-पिता या फिर उनके समान स्त्री या पुरुष और अपने पति का आशीर्वाद लेना चाहिए. 

डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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