सावधान! जले हुए तेल को दोबारा खाने से ही नहीं, सूंघने से भी कैंसर का खतरा: सिगरेट से भी ज्यादा घातक है इस तेल का धुआं

अक्सर पूरी, पकौड़े या कई अन्य पकवान बनाने के बाद बचे हुए तेल का इस्तेमाल करना काफी आम है। लगभग हर घर में लोग बचे हुए कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। कुछ तलने के लिए इस्तेमाल किए गए तेल को लोग बाद में सब्जी,पराठे या अन्य किसी व्यंजन को बनाने में इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बचे हुए तेल का खाने में उपयोग करना आपके लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है। 

सावधान! जले हुए तेल को दोबारा खाने से ही नहीं, सूंघने से भी कैंसर का खतरा: सिगरेट से भी ज्यादा घातक है इस तेल का धुआं

एक बार समोसे, भटूरे, पूड़ियां छानने के बाद बचे तेल को दोबारा इस्तेमाल करना आम बात है। घर ही नहीं, मिठाई की दुकानों, ढाबों से लेकर बड़े-बड़े रेस्तरां तक में दिनभर भट्‌ठी पर तेल से भरी कड़ाही चढ़ी रहती है। पकवान बनते रहते हैं।

जैसे-जैसे कड़ाही में तेल कम होता जाता है, उसी में और तेल डालते जाते हैं। एक बार कड़ाही चढ़ गई, तो उसमें मौजूद तेल की आखिरी बूंद तक इस्तेमाल कर ली जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार खौलता यह तेल जहरीला हो चुका होता है। इसमें घातक केमिकल भी बनने लगते हैं, जिनसे कैंसर हो सकता है और दिल की धमनियां जाम हो सकती हैं।

बता दे कि इन दिनों हमारे खाने में कुकिंग ऑयल का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। अक्सर पूरी, पकौड़े या कई अन्य पकवान बनाने के बाद बचे हुए तेल का इस्तेमाल करना काफी आम है। लगभग हर घर में लोग बचे हुए कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। 

कुछ तलने के लिए इस्तेमाल किए गए तेल को लोग बाद में सब्जी,पराठे या अन्य किसी व्यंजन को बनाने में इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बचे हुए तेल का खाने में उपयोग करना आपके लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है। 

दरअसल, यूज्ड तेल आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। इतना ही नहीं इसके इस्तेमाल से आप कई गंभीर बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी यूज्ड कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करते हैं, तो इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जरूर जान लें।

जब भी गैस पर बार-बार कढ़ाई में तेल गर्म किया जाता है, तो कुछ समय बाद इसका रंग बदल जाता है और तेल गाढ़ा होकर लिसलिसा सा हो जाता है। दरअसल यह ऑक्सीडेशन, हाइड्रोलिसिस और पॉलीमेराइजेशन जैसे केमिकल के रिएक्शन से होता है। इतना ही नहीं बार-बार तेल गर्म करने से इसके गुण और पोषक तत्व भी जहरीले होने लगते हैं। तेज आज बार-बार तेल गर्म करने से कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन और फैट जहरीले तत्वों में बदल जाते हैं।

तेज आंच पर कई बार गर्म हो चुके तेल के गुण बदल जाते हैं। वह फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने लगता है। जिससे शरीर में ‘जेनोटॉक्सिक‘ (DNA को नुकसान पहुंचाने वाली), ‘म्यूटेजेनिक‘ (DNA में बदलाव लाने वाली) और ‘कार्सिनोजेनिक‘ (कैंसर पैदा करने वाली) एक्टिविटीज बढ़ जाती हैं। 

रिसर्च में पाया गया है कि ऐसे तेल की वजह से सेल्स में गड़बड़ियां होने लगती हैं, उनके टूटने की रफ्तार बढ़ जाती है, क्रोमोसोम को नुकसान पहुंचने लगता है। ज्यादा मात्रा में ऐसा तेल खाने से फेफड़े, आंत, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस पर दुनिया भर में कई रिसर्च हो चुकी हैं। ‘रिसर्चगेट‘ पर मौजूद एक ऐसी ही रिपोर्ट में तेल को दोबारा यूज करने से होने वाले खतरे बताए गए हैं।

सिगरेट से भी ज्यादा घातक है गर्म तेल का धुआं-

ज्यादा समय तक या कई बार तेज आंच पर गर्म हो चुके तेल को खाना तो छोड़िए, उसे सूंघने भर से जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। कुकिंग ऑयल के धुएं में 200 से ज्यादा तरह की गैसें होती हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। तेज आंच पर किसी चीज को तेल में फ्राई करने यानी तलने से धुआं उठता है। 

फैटी एसिड वाला यह धुआं न्यूमोनिया, राइनाइटिस के साथ ही लंग कैंसर, टीबी, अस्थमा जैसी फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियां दे सकता है। नॉर्वे में हुईं 2 रिसर्च में पाया गया कि किचन में काम करने वाले कर्मचारियों में इसकी वजह से फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियां होने लगीं। तेज आंच पर तेल को गर्म करने पर उसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट जहरीले तत्वों में तब्दील हो जाते हैं।

जले हुए तेल के नुकसान-


- जले हुए तेल का लगातार इस्तेमाल करने से DNA को नुकसान पहुंचाने वाली जेनोटॉक्सिक, DNA में बदलाव लाने वाली म्यूटेजेनिक और कैंसर पैदा करने वाली कार्सिनोजेनिक जैसी चीजों का खतरा बढ़ जाता है।

- तेल को बार-बार गर्म करने से इससे अजीब सी गंध वाला धुआं निकलने लगता है। दरअसल, बार-बार तेल गर्म करने से कुकिंग ऑयल के धुंए में 200 से ज्यादा गैस निकलती है जो सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। यह धुंआ न्यूमोनिया, राइनाइटिस के साथ ही लंग कैंसर टीबी, अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।

- पाम ऑयल का ज्यादा इस्तेमाल करना पुरुषों में प्रजनन की क्षमता को कम कर सकता है। दरअसल, पाम ऑयल में सैचुरेटेड फैट ज्यादा मात्रा में होता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदायक है। साथ ही यह पुरुषों में प्रजनन का खतरा भी बढ़ाता है। वहीं, ट्रांस फैट से भरपूर चीजें महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर डालती है। यह ट्रांस फैट सूरजमुखी के तेल, सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल और कनोला के तेल में पाया जाता है।

- इतना ही नहीं दो तेल को एक साथ मिलाकर बार-बार खाना भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि दो अलग-अलग देशों के गुण और अगुण मिलने से यह शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।

इतनी बार से ज्यादा नहीं करें बचे हुए तेल का इस्तेमाल-

खाना बनाते समय हमेशा कोशिश करें कि कढ़ाई में उतना ही तेल डालें जितना एक बार में इस्तेमाल हो जाता है। लेकिन कई बार डीप फ्राइंग के लिए हमें ज्यादा तेल डालना पड़ता है। ऐसे में एक बार तेल में डीप फ्राई करने के बाद आप इस तेल को छान लीजिए। अगर आप इसका यूज करना चाहते हैं तो इसे ज्यादा दिन तक नहीं रखें और जल्दी से इसे सब्जी बनाने में इस्तेमाल कर खत्म कर दें। इसमें दोबारा डीप फ्राई का काम नहीं करें नहीं तो इतनी बुरी तरह से जल जाता है।

ऐसे तेल का इस्तेमाल नहीं करें -

जब तेल का रंग बदलने लगता है और यह थोड़ा सा गाढ़ा और चिपचिपा हो जाता है, तो ऐसे तेल का इस्तेमाल नहीं करें। इसके अलावा छानने के बाद भी तेल अगर काला और गंदा दिखे तो भी ऐसे तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।