कांग्रेस के बुलावे पर नहीं पहुंचे अखिलेश, पूरी सपा ने बनाई दूरी, दोनों दलों के बीच अभी भी है कुछ फांस?

लोकसभा चुनाव के लिए सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव मैदान में हैं। इसके बाद भी दोनों दलों में अभी गले मिलने से परहेज है।

कांग्रेस के बुलावे पर नहीं पहुंचे अखिलेश, पूरी सपा ने बनाई दूरी, दोनों दलों के बीच अभी भी है कुछ फांस?

लोकसभा चुनाव के लिए सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव मैदान में हैं। इसके बाद भी दोनों दलों में अभी गले मिलने से परहेज है। कांग्रेस के होली मिलन समारोह से सपाइयों ने पूरी तरह से दूरी बनाए रखी। जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर समारोह में शिरकत करने की गुजारिश की थी। सियासी जानकारों का कहना है कि होली मिलन समारोह दोनों दलों के नेताओं के लिए कार्यकर्ताओं को एकजुटता का संदेश देने का अवसर था, जिसमें वे चूक गए।

सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चली लंबी रस्साकशी के बाद जब गठबंधन हुआ तो संयुक्त प्रेसवार्ता किसी दल के कार्यालय में होने के बजाय एक होटल में हुई। सपा ने गठबंधन के तहत कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं। कांग्रेस 13 पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जबकि प्रयागराज में सपा के पूर्व विधायक उज्जवल रमण सिंह पर दांव लगाने की तैयारी है। मथुरा में मुक्केबाज विजेंद्र सिंह का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। अमेठी-रायबरेली पर संशय बना हुआ है। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय दो बार सपा कार्यालय जा चुके हैं। यहां हुई समन्वय समिति की बैठक में चुनाव की रणनीति तय की गई। 


कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पहल की कि सपा नेताओं को भी कांग्रेस प्रदेश कार्यालय आना चाहिए, ताकि दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच एकजुटता का संदेश जाए। संयोग से होली का मौका मिला। कांग्रेस ने सोमवार को होली मिलन समारोह आयोजित। मंगलवार को रोजा इफ्तार भी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखा। उन्होंने होली मिलन समारोह में शिरकत करने की गुजारिश की। उम्मीद थी कि दलों के मिलन के बाद सपा- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होली के बहाने गले मिलेंगे, लेकिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही नहीं बल्कि उनके प्रतिनिधि के रूप में भी कोई वरिष्ठ नेता कांग्रेस कार्यालय नहीं पहुंचा। इससे कांग्रेस खेमे में मायूसी दिखी।

अजय राय ने दी प्रतिक्रिया
 कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता यह कहते सुने गए कि सपा हमेशा कांग्रेस को नजरअंदाज करती रही है। वे यह भी तर्क देते हैं कि सपा की उत्पत्ति ही कांग्रेस के खिलाफ हुई थी। यही वजह है कि दलों के गठबंधन के बाद भी सपा के नेता कांग्रेस प्रदेश कार्यालय आने से परहेज करते हैं। इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव के गठबंधन के दौरान भी सपा नेता कांग्रेस कार्यालय आने से बचते रहे हैं।
व्यस्तता की वजह से नहीं आए

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि यह सही है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को बुलाया था। संभव है कि चुनाव की व्यस्तता की वजह से नहीं आ पाए। दूसरी तरफ सपा के मुख्य प्रवक्ता पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि उन्हें होली मिलन समारोह के बारे में जानकारी नहीं है।