Budaun Case: विस्फोट से शरीर फट गया था मासूम का शरीर... उड़ गए चिथड़े, जल गए थे कपड़े; देखें तस्वीरें

इस्लामनगर कस्बे में सोमवार अपरान्ह करीब 3:15 बजे ऐसा धमाका हुआ कि उसकी आवाज एक किलो मीटर दूर तक गई।

Budaun Case: विस्फोट से शरीर फट गया था मासूम का शरीर... उड़ गए चिथड़े, जल गए थे कपड़े; देखें तस्वीरें

इस्लामनगर कस्बे में सोमवार अपरान्ह करीब 3:15 बजे ऐसा धमाका हुआ कि उसकी आवाज एक किलो मीटर दूर तक गई। काफी देर तक लोग समझ ही नहीं पाए कि आखिर क्या हुआ। जब दूर से लोगों ने मुहाली मोहल्ले में धूल का गुब्बार उठता देखा तो लोग उस ओर दौड़े। मोहल्ला मुहाली निवासी अख्तर का दो मंजिला मकान बदायूं-बिजनौर स्टेट हाईवे किनारे बना था। उसके मकान में दो दुकानें थीं। 

दुकानों के नजदीक में ही मकान का दरवाजा था और उन दुकानों के पीछे कुछ खाली जगह पड़ी थी। उसके पीछे कमरे और बरामदा बना था। इस हादसे में अख्तर का पूरा मकान और दुकानें ध्वस्त हो गईं। नजदीक में रहने वाले लोगों ने बताया कि शायद कहीं भूकंप आया है तो कोई कह रहा था कि कहीं सिलिंडर फटा है। 

अचानक हुए धमाके से लोग सहम गए। वह अपने-अपने घरों से निकलकर बाहर के लिए भागे। उस दौरान कहीं अख्तर का मकान नजर नहीं आया। उसकी जगह केवल धूल ही धूल दिखाई दे रही थी। धमाके की आवाज सुनकर और धूल का गुब्बार देखकर स्टेट हाईवे से गुजर रहे वाहन भी रुक गए।

गनीमत यह रही कि उस दौरान अख्तर के घर के सामने से कोई वाहन या कोई व्यक्ति नहीं गुजर रहा था। अगर ऐसा होता तो वो भी हादसे की चपेट में आ सकता था। इस हादसे में पड़ोसी और उनके मकान बाल-बाल बच गए।
 
जल गए थे कपड़े, शरीर के उड़े चीथड़े
हादसे के दौरान पांच साल का तैमूर अंदर वाले कमरे में था। जब लोगों ने मलबा हटाया तो उसका शव उसी कमरे में मिला। विस्फोट से उसका शरीर फट गया था। कई जगह से मांस निकलकर बाहर आ गया था। उस दौरान सलामत बेगम घर के बरामदे में थी। उसका शव बरामदे से ही निकाला गया था। 

सलामत बेगम के कपड़े भी फट गए थे। अधिकतर कपड़े जल गए थे।बारूद के अवैध भंडार में धमाका
आपको बता दें कि बदायूं के इस्लामनगर कस्बा स्थित एक मकान में आतिशबाजी बनाने के लिए अवैध रूप से रखे बारूद के भंडार में सोमवार दोपहर भीषण विस्फोट हो गया। इससे दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया। मां-बेटे की मौत हो गई, जबकि दो बेटियां घायल हो गईं। दोनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है

हादसा सोमवार दोपहर करीब सवा तीन बजे अख्तर अली पुत्र असगर के घर में हुआ। पिता के आतिशबाजी बिक्री के लाइसेंस पर अख्तर आबादी के बीच गोल्डन इवेंट नाम से पटाखों का कारोबार करता है। यहीं घर के निचले हिस्से में स्थित दुकान में शादियों के लिए आतिशबाजी बनाई जाती है। इसके लिए बारूद और अन्य जरूरी सामान वह अपने घर में रखता था। इसी मकान के पहले तल पर अख्तर का परिवार रह रहा था।

घटना के वक्त अख्तर कस्बे से बाहर गया था। घर में पत्नी सलामत बेगम (35), बेटी अर्फी (07), तमन्ना (03) और बेटा तैमूर (05) मौजूद थे। दोपहर में तैमूर ने खेल-खेल में एक अनार जलाया तो उसकी चिंगारी पास रखे बारूद के भंडार तक पहुंच गई। इससे तेज धमाका हुआ और मकान की छत उड़ गई। देखते ही देखते दुकान और उसका दो मंजिला भवन धराशायी हो गया। विस्फोट इतना तेज था कि ध्वस्त मकान का मलबा, आसपास के घरों पर जा गिरा।

पांच जेसीबी से तीन घंटे की मशक्कत, तब हटा मलबा
मकान में विस्फोट की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन पांच जेसीबी मंगाकर मलबे को हटाने का कार्य शुरू किया। तीन एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम भी बुला ली गई। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तैमूर का शव मलबे से निकाला गया। उसके कुछ अंग विस्फोट से उड़ गए थे। वहीं सलामत बेगम झुलसी हुई घायल अवस्था में मिलीं। हालांकि, अस्पताल ले जाते वक्त उन्होंने भी दम तोड़ दिया।

घटना के वक्त तमन्ना छत पर थी और विस्फोट से जब छत ढही तो वह खिसककर मकान से बाहर जा गिरी। दूसरी बेटी अर्फी आंगन में रखे जेनरेटर के पास खिलौना गाड़ी पर बैठी खेल रही थी, इसलिए विस्फोट के बाद छत का जो हिस्सा वहां गिरा, वह जेनरेटर पर टिक गया। ऐसे में अर्फी उसके नीचे बैठी रही। दोनों को घायलावस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर डीएम मनोज कुमार, एसएसपी आलोक प्रियदर्शी, एसडीएम बिल्सी प्रवर्धन शर्मा और सीओ सुशील कुमार भी पहुंचे।

 अवैध गोदाम पर कठघरे में जिम्मेदार
प्रारंभिक जांच के बाद अग्निशमन अधिकारी पूरनलाल सोलंकी ने इस बात की पुष्टि की है कि अख्तर के पिता असगर ने सिर्फ आतिशबाजी की बिक्री का लाइसेंस लिया था, जिसका एक साल से नवीनीकरण भी नहीं कराया गया है।