प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा बयान : कोई भूखा नहीं सोये, सरकार यह सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध 

धानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच वर्षों तक बढ़ा दिया है. यानि मेरे गरीब भाई-बहनों के लिए वर्ष 2028 तक मुफ्त राशन की व्यवस्था निरंतर जारी रहेगी. इसका फायदा करीब 81 करोड़ देशवासियों को मिलेगा. मुझे विश्वास है कि हमारा यह प्रयास उनके जीवन को अधिक से अधिक आसान और बेहतर बनाएगा.''

प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा बयान : कोई भूखा नहीं सोये, सरकार यह सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को अगले पांच साल के लिए बढ़ाये जाने के बाद बुधवार को कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी भूखा न सोये. सरकार ने 81.35 करोड़ गरीबों को प्रतिमाह पांच किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए पीएमजीकेएवाई योजना को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया है, जिससे सरकारी खजाने पर लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला किया गया. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा, 'देश के मेरे परिवारजनों में से कोई भी भूखा नहीं सोए, हमारी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है. 

अपनी इसी भावना को ध्यान में रखते हुए हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच वर्षों तक बढ़ा दिया है. यानि मेरे गरीब भाई-बहनों के लिए वर्ष 2028 तक मुफ्त राशन की व्यवस्था निरंतर जारी रहेगी. इसका फायदा करीब 81 करोड़ देशवासियों को मिलेगा. मुझे विश्वास है कि हमारा यह प्रयास उनके जीवन को अधिक से अधिक आसान और बेहतर बनाएगा.''

प्रधानमंत्री मोदी ने 2024-25 से शुरू होने वाले दो वर्षों के लिए 1,261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 15,000 प्रगतिशील महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करने की केंद्रीय योजना को मंजूरी देने वाले मंत्रिमंडल के फैसले पर भी प्रकाश डाला.

प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट किया, ‘‘देश में महिला सशक्तिकरण के अपने प्रयासों में हमने एक और बड़ी योजना को मंजूरी दी है, जो हमारे कृषि क्षेत्र को और अधिक समृद्ध बनाएगी. हमारी सरकार ने 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन देने का निर्णय लिया है, जिससे हमारे किसान भाई-बहनों की खेती बहुत आसान होने वाली है. इससे ‘सेल्फ हेल्प ग्रुप' से जुड़ी हमारी माताओं-बहनों के साथ ही देश के अन्नदाताओं की आय भी बढ़ेगी और उनके जीवन में नई खुशहाली आएगी.''