रामायण' के लक्ष्मण ने 22 जनवरी को बताया ऐतिहासिक दिवस, बोले- बहुत विशाल हृदय वाला है सनातन धर्म

रामानंद सागर के 'रामायण' धारावाहिक में सुनील लहरी लक्ष्मण की भूमिका में नजर आए। इस भूमिका के लिए उन्हें आज भी पहचाना जाता है। सुनील लहरी इन दिनों अयोध्या में हैं।

रामायण' के लक्ष्मण ने 22 जनवरी को बताया ऐतिहासिक दिवस, बोले- बहुत विशाल हृदय वाला है सनातन धर्म

प्रभु श्रीराम के आगमन के स्वागत में अयोध्या सज चुकी है। पूरा देश राममय है। करीब 500 वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या के ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। 22 जनवरी को भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, जिसमें पूरा देश हिस्सा ले रहा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर 'रामायण' में लक्ष्मण की भूमिका अदा करने वाले अभिनेता सुनील लहरी ने बात की है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक दिवस करार दिया है। 

रामानंद सागर के 'रामायण' धारावाहिक में सुनील लहरी लक्ष्मण की भूमिका में नजर आए। इस भूमिका के लिए उन्हें आज भी पहचाना जाता है। सुनील लहरी इन दिनों अयोध्या में हैं। वे 'रामायण' में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल और माता जानकी के रोल में दिखीं दीपिका चिखलिया के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेने वहां पहुंचे हैं। हाल ही में पीटीआई से बातचीत में अभिनेता ने इस खास मौके पर खुशी जताई।

सुनील लहरी ने कहा, '22 जनवरी भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है, जब अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी'। उन्होंने अपने पहली बार अयोध्या जाने का अनुभव भी साझा किया है। एक्टर ने बताया कि तीन दशक पहले जब वे पहली बार अयोध्या गए थे, तो उन्होंने एक तंबू में भगवान राम की मूर्ति देखी थी। एक्टर ने कहा, 'देखकर मुझे बहुत खराब लगा'

सुनील लहरी ने कहा, 'मैंने खुद से कहा, 'इस जगह को देखो, यहीं भगवान राम का जन्म हुआ था और अब उन्हें ऐसी जगह पर रखा गया है। यह बहुत दयनीय था। मुझे लगता है कि समय के साथ न्याय सही दिशा में जाएगा'। अब सुनील 22 जनवरी को होने वाले भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में देखते हैं, जिसके लिए भारत 500 से अधिक वर्षों से संघर्ष कर रहा था।

उन्होंने कहा, 'इसमें बहुत प्रयास, बलिदान और श्रम लगा है। मुझे लगता है कि यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन होने जा रहा है'। सनातन धर्म के बारे में कुछ लोगों द्वारा की गई नकारात्मक टिप्पणियों पर सुनील लहरी ने कहा, 'वे शायद नहीं समझते कि सनातन धर्म क्या है? सनातन धर्म का हृदय बहुत विशाल है। इसमें सभी नकारात्मकताओं को सोखने की शक्ति है'।