Chhath Puja: कहीं गलती तो नहीं करते आप, जानिए छठ पूजा के बाद सूप का क्या करें? बांस के ही सूप का प्रयोग क्यों किया जाता है 

छठ पूजा में बांस के सूप का ही इस्तेमाल क्यों? व्रत समाप्त होने पर सूप का क्या करना चाहिए? किन गलतियों को करने से बचना चाहिए? छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के समय सूप का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन पूजा के बाद लोग इस सूप की अनदेखी कर जाते हैं, जोकि गलत है.

Chhath Puja: कहीं गलती तो नहीं करते आप, जानिए छठ पूजा के बाद सूप का क्या करें? बांस के ही सूप का प्रयोग क्यों किया जाता है 

लोकास्था के महापर्व छठ पूजा की 17 नवंबर से शुरुआत हो चुकी है. छठ का पहला दिन नहाय खाय के रूप में मनाया जाता है. छठ व्रत सबसे कठिन व्रत माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं छठ के नियमों का पालन करती हैं, छठी माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. 

छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा की जाती है. यह त्योहार चार दिनों तक चलता है. छठ पर्व के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है, जिसका अर्थ है शुद्धिकरण. आपको बता दें कि, इस पर्व में बांस के सूप का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है. 

इसके बिना छठ पूजा की व्रत अधूरा माना जाता है. इसका इस्तेमाल सूर्य को अर्ध्य देने में किया जाता है. अब सवाल है कि छठ पूजा में बांस के सूप का ही इस्तेमाल क्यों? व्रत समाप्त होने पर सूप का क्या करना चाहिए? किन गलतियों को करने से बचना चाहिए? 

सबसे पहले जानिए छठ पूजा में बांस के ही सूप का इस्तेमाल क्यों?

आस्था का महापर्व छठ पूजा में हमेशा बांस का ही इस्तेमाल किया जाता है. कहा जाता है कि बांस के सूप के बिना छठ पूजा का व्रत निष्फल हो जाता है. दरअसल, बांस को शुद्धता और सुख समृद्धि का प्रतीक है. धरती पर पाए जाने वाले पौधों में बांस सबसे तेज बढ़ता है. बांस जिस तरह तेजी से बढ़ता है उसी प्रकार संतान की भी प्रगति होती है. यही वजह है कि पूजा में बांस के सूप का इस्तेमाल होता है.

अब जानिए छठ पूजा पर व्रत के बाद सूप का क्या करें?

छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के समय सूप का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन पूजा के बाद लोग इस सूप की अनदेखी कर जाते हैं, जोकि गलत है. बता दें कि, छठ पूजा व्रत की समाप्ति के बाद सूप को फेंकने के बजाय घर के कार्यों में प्रयोग करें. ऐसा करने से संतान सुख प्राप्त होता है. इसके अलावा घर के सदस्यों के साथ अनहोनी नहीं होती है.

बांस के बने सूप या टोकरी की मदद से ही छठी मैया को भेंट दी जाती है. कहते हैं कि ऐसा करने से संतान की प्राप्ति और दुखों का नाश होता है. ऐसे में पूजा के बाद सूप से जुड़े कुछ उपाय जरूर करना चाहिए. बता दें कि, पूजा में इस्तेमाल सूप का इस्तेमाल यदि आप घर के कामों में नहीं कर सकते हैं तो आप जरूरतमंद को दान भी दे सकते हैं.

बांस से बने सूप को छठ पूजा के बाद घर के पूजा घर में रख सकते हैं. यह उपाय यदि नवविवाहित महिलाएं करती हैं तो पुत्र प्राप्ति के योग बनते हैं. घर में सुख-समृद्धि होती है. साथ ही हमेशा परिवार का कल्याण होता रहता है.

यह गलती तो बिलकुल भी ना करे 

सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद सूप से जुड़े कुछ उपाय जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से संतान की तरक्की होती है. साथ ही धन और संतान का सुख मिलता है. वहीं, अनदेखी करने से बड़ा नुकसान भी हो सकते हैं. इसलिए छठ पूजा में इस्तेमाल को फेंकने की गलती नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से आप संतान को नुकसान पहुंचा सकते हैं.