सब कुछ गंवाकर मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को अकल आई ; जानें कोर ग्रुप की दूसरी बैठक के समझौते 

भारत अपने सैनिकों की वापसी के बदले मालदीव में सिविलयंस को तैनात करेगा. इस फैसले को दोनों देशों की जीत के तौर पर देखा जा रहा है और चीन की बड़ी हार माना जा रहा है. क्योंकि, चीन लगातार मालदीव को भारत विरोधी कदम के लिए उकसा रहा था. 

सब कुछ गंवाकर मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को अकल आई ; जानें कोर ग्रुप की दूसरी बैठक के समझौते 

इंडिया आउट का नारा लगाकर मालदीव की सत्ता में आए मोहम्मद मुइज्जू अपने देश से भारत को आउट नहीं कर पाए. भारत की रणनीति के आगे उन्होंने सरेंडर कर दिया. दिल्ली में हुई भारत-मालदीव कोर ग्रुप की दूसरी बैठक में भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर काफी लंबी चर्चा चली. 

इस दौरान सहमति बनी है कि भारत मालदीव में तैनात अपने सैनिकों के गैर सैन्यकर्मचारियों की तैनाती करेगा. ये असैनिक समूह भारतीय सैनिकों के काम को ही आगे बढाएगा.

मालदीव के विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत के मालदीव में तीन एविएशन प्लेटफॉर्म हैं. इसमें से एक पर मौजूद सैनिक 10 मार्च तक भारत लौटेंगे. इसके बाद दो और प्लेटफॉर्म पर मौजूद भारतीय सैनिक 10 मई तक अपने देश चले आएंगे. मालदीव में करीब 80 भारतीय सैनिक हैं. ये दो हेलीकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते हैं. आमतौर पर इनका इस्तेमाल रेस्क्यू और सरकारी कामों में किया जाता है. 

भारत अपने सैनिकों की वापसी के बदले मालदीव में सिविलयंस को तैनात करेगा. इस फैसले को दोनों देशों की जीत के तौर पर देखा जा रहा है और चीन की बड़ी हार माना जा रहा है. क्योंकि, चीन लगातार मालदीव को भारत विरोधी कदम के लिए उकसा रहा था. 

मालदीव और भारत के बीच समझौता हो गया है. अब भारत अपने 80 सैनिकों के बदले वहां गैर सैन्यकर्मचारियों की तैनाती करेगा और समुद्र का परीक्षण करता रहेगा. क्या ये चीन की मालदीव में हार है? क्योंकि, चीन लगातार मालदीव को भारत विरोधी कदम के लिए उकसा रहा था.

दोनों देश ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए साथ काम करने पर सहमति जताई है. इसके तहत ये व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जाएगी कि मालदीव में इंडियन हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट मानवीय सहायता और मेडिकल इमरजेंसी में वहां के लोगों की मदद करते रहें. 

भारत-मालदीव कोर ग्रुप की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग, आर्थिक और विकास साझेदारी के क्षेत्र में संबंधों को बेहतर बनाने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. इसके अलावा इस बात पर भी सहमति बनी है कि उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की अगली बैठक माले में होगी इसके लिए दोनों देश मिलकर एक तारीख तय करेंगे.

मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के मुद्दे को हल करने के लिए दोनों देशों ने कोर ग्रुप बनाया है. दो हफ्ते पहले मालदीव की राजधानी माले में इस मुद्दे पर पहले दौर की बातचीत हुई थी. तब कोई हल नहीं निकला था. 

लेकिन, दिल्ली में हुई दूसरे दौर की बैठक में समाधान जरूर निकला है. अब तीसरे दौर की बातचीत फिर से माले में होगी. देखना होगा उसमें इस मुद्दे का क्या हल निकलता है. दोनों देशों की कोशिश है कि हल ऐसा निकाला जाए जो दोनों पक्षों को कबूल हो.