15 साल पहले दोस्त की हत्या करके फरार हुआ भगोड़ा हत्यारा हुआ गिरफ्तार, पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
आरोपी रामअवतार को गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की गई है। पकड़े गए आरोपी पर साल 2008 में अपने दोस्त गुलाब सिंह निवासी खजुराहो झांसी की लाइनपार बहादुरगढ़ इलाके में जघन्य तरीके से हत्या किए जाने का मामला दर्ज है और रोहतक रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वारा उस पर 05 हजार का इनाम भी रखा गया था।
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हरियाणा के झज्जर के करीब 15 वर्ष पूर्व हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले में गहनता से कार्रवाई करते हुए झज्जर पुलिस की एक टीम द्वारा उपरोक्त मामले के वांछित 5000 के इनामी आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की गई है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय झज्जर में हुई प्रेस वार्ता के दौरान डीएसपी मुख्यालय झज्जर अनिल कुमार ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जिला पुलिस की सीआईए टू बहादुरगढ़ की टीम ने करीब 15 साल पहले बहादुरगढ़ के लाइन पार इलाके मे हुए हत्या के एक मामले में फरार चल रहे इनामी अपराधी को दबोचने में कामयाबी हासिल की है। बरेली के रहने वाले राम अवतार को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
आरोपी रामअवतार को गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की गई है। पकड़े गए आरोपी पर साल 2008 में अपने दोस्त गुलाब सिंह निवासी खजुराहो झांसी की लाइनपार बहादुरगढ़ इलाके में जघन्य तरीके से हत्या किए जाने का मामला दर्ज है और रोहतक रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वारा उस पर 05 हजार का इनाम भी रखा गया था।
आरोपी को काफी समय पहले माननीय अदालत से भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। पुलिस अधीक्षक झज्जर डॉक्टर अर्पित जैन ने 2008 में अंजाम दिए गए गुलाब सिंह हत्याकांड की जांच कुछ समय पहले ही बहादुरगढ़ सीआईए टू बहादुरगढ़ को सौंपी थी। जिस पर सीआईए टू बहादुरगढ़ की टीम ने इस मामले में गहनता से छानबीन करते हुए अति वांछित आरोपी रामअवतार को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि 12 जुलाई 2008 को बहादुरगढ़ के लाइनपार क्षेत्र में नग्न अवस्था में एक व्यक्ति का शव मिला था। जिसकी पहचान बाद में खजुराहो झांसी निवासी गुलाब सिंह के रूप में हुई थी। आरोपियों द्वारा हत्या करके लाश को नग्न अवस्था में फेंक दिया गया था ताकि उसकी पहचान नहीं हो।
लेकिन पुलिस के प्रयासों से गुलाब सिंह की शिनाख्त हो गई थी और लाइन पार बहादुरगढ़ पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 और 201 के अंतर्गत हत्या करने एवं साक्ष्य नष्ट करने का मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें राम अवतार के अलावा उसके पड़ोसी गांव के उसके दोस्त सुबालाल, नरेश कुमार, श्याम बिहारी, प्रेमलाल और ओमपाल के खिलाफ हत्या का आरोप था।
पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए बाकी आरोपियों को तो पहले ही गिरफ्तार कर लिया था लेकिन रामअवतार हाथ नहीं लग पाया था। बाद में केस की सुनवाई के दौरान साल 2010 में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों को दोषी करार देकर उम्रकैद और 25 - 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी थी।
वहीं दूसरी ओर, मुख्य आरोपी रामअवतार पुलिस की आंखों में धूल झोंकते हुए गिरफ्तारी से बचा रहा जिस पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रोहतक रेंज ने 5 हजार रुपये इनाम घोषित कर दिया और अदालत ने आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। आरोपी को करीब 15 साल बाद सीआईए टू बहादुरगढ़ के प्रभारी इंस्पेक्टर विवेक मलिक की टीम ने काबू करने में कामयाबी हासिल की है।
उन्होंने बताया कि योजना के मुताबिक 11 जुलाई 2008 की रात को वे सभी एकत्रित हुए और गुलाब सिंह के साथ शराब पार्टी की गई, राम अवतार ने बाकी पांचों साथियों के साथ मिलकर जानबूझ कर गुलाब को अधिक शराब पिलाई ताकि उसे नशे में कमजोर किया जा सके।
उसके बाद उपरोक्त सभी के साथ मिलकर रामअवतार ने शराब एवंकोल्ड ड्रिंक्स की कांच वाली खाली बोतलें तोड़कर उनसे गुलाब पर हमला करके गहरी चोटें मारकर उसे मौत की नींद सुला डाला और उसकी शिनाख्त ना होने पाए इस इरादे को लेकर गुलाब के कपड़े उतार कर उसकी लाश को झाड़ियों में फेंक दिया था।