जब पांच सीटें थीं तब मंत्री सिर्फ एक... अब तीन तो मंत्री दो; कमजोर प्रदर्शन के बाद मंडल को दी तवज्जो

बरेली मंडल की पांच में से दो सीटें गंवाने के बावजूद भाजपा नेतृत्व इस क्षेत्र को पूरी तवज्जो दे रहा है

जब पांच सीटें थीं तब मंत्री सिर्फ एक... अब तीन तो मंत्री दो; कमजोर प्रदर्शन के बाद मंडल को दी तवज्जो

बरेली मंडल की पांच में से दो सीटें गंवाने के बावजूद भाजपा नेतृत्व इस क्षेत्र को पूरी तवज्जो दे रहा है। मोदी 3.0 के मंत्रिमंडल में यहां के दो सांसद मंत्री बनाए गए हैं। पार्टी ने पीलीभीत से सांसद जितिन प्रसाद को राज्य मंत्री बनाकर मंडल का रुतबा बढ़ा दिया है। 

अभी तक वह प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे। इसके अलावा भाजपा के बदायूं सीट हारने के बावजूद पिछली बार केंद्रीय राज्य मंत्री रहे राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा को एक बार फिर केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है।


रविवार को मोदी 3.0 के मंत्रिमंडल की शपथ से पहले अलग-अलग कयास लग रहे थे। चूंकि वर्ष 2019 भाजपा ने बरेली मंडल की बरेली, आंवला, शाहजहांपुर, पीलीभीत व बदायूं सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार चुनाव में पार्टी ने आंवला व बदायूं सीट खो दी थी। 
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आंवला से सपा के नीरज मौर्य ने दो बार के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप को हरा दिया। वहीं बदायूं में सपा नेता शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य ने भाजपा के दुर्विजय शाक्य को हराकर सीट छीन ली। ऐसे में माना जा रहा था कि इस बार एनडीए की मोदी 3.0 सरकार के मंत्रिमंडल में क्षेत्र का रुतबा घट सकता है। 

जितिन प्रसाद के नाम की चर्चा ही जोरों पर थी, लेकिन रविवार को शपथ से पहले जब दो मंत्रियों के नाम सामने आए तो क्षेत्र का रुतबा बढ़ गया। उम्मीद के अनुसार जितिन तो मंत्री बने ही, बदायूं में उझानी निवासी बीएल वर्मा को फिर से राज्यमंत्री बनाया गया। बीएल वर्मा मूलत: भाजपा संगठन से हैं और इसी क्रम में उनको मोदी 2.0 में पूर्वोत्तर विकास एवं सहकारिता राज्य मंत्री बनाए गए थे।

पीलीभीत से साधेंगे खीरी-धौरहरा
भाजपा ने खीरी व धौरहरा की लोकसभा सीटें भले ही इस बार गंवा दी हैं, लेकिन यहां उसका दखल कम नहीं होगा। क्योंकि जितिन प्रसाद धौरहरा सीट से पहले सांसद चुने गए थे। वह उनकी कर्मभूमि रही है। शाहजहांपुर के मूल निवासी होने के नाते भी उनका खीरी व धौरहरा के नजदीकी रिश्ता रहा है।

खीरी से पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की हार से रिक्त स्थान की भरपाई अब वहां जितिन करेंगे। इधर, पीलीभीत की सीट से वरुण गांधी का टिकट काटकर सांसदी का चुनाव भी पार्टी ने जितिन को गृहजनपद व कर्मभूमि की नजदीकी के चलते लड़ाया था। जितिन इससे पहले केंद्र में कांग्रेस की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे व कांग्रेस सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

ब्राह्मण व पिछड़ा वर्ग को साधा
जितिन व बीएल वर्मा को मंत्री बनाने के साथ ही भाजपा ने ब्राह्मण व पिछड़ा वर्ग को भी साधा है। जितिन प्रसाद ब्राह्मण हैं और पीलीभीत में वरुण गांधी के रिक्त स्थान की भरपाई में वह इस दृष्टि से उपयुक्त थे।
 
इधर, अब केंद्रीय राज्य मंत्री बनकर वह न केवल अपने संसदीय क्षेत्र बल्कि पूरे मंडल की नुमाइंदगी प्रबल ढंग से करेंगे। उनके जरिए मंडल से ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व सरकार में होगा। वहीं बीएल वर्मा के मंत्री बनने से पिछड़ा वर्ग का जो प्रतिनिधित्व इस क्षेत्र से पिछली सरकार में था, वह आगे भी बना रहेगा।