यूपी के किसान तंजानिया को सिखाएंगे श्रीअन्न की खेती, 1000 किसानों को देंगे प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के किसान तंजानिया में श्रीअन्न (मिलेट) की खेती के गुर सिखाएंगे। यहां के किसान तंजानिया को श्रीअन्न व उसके बीज की आपूर्ति करेंगे। वहां मिलेट की एक बीज उत्पादन इकाई भी लगाएंगे। इसके लिए तंजानिया की एक संस्था वहां 67 एकड़ जमीन देगी।

यूपी के किसान तंजानिया को सिखाएंगे श्रीअन्न की खेती, 1000 किसानों को देंगे प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के किसान तंजानिया में श्रीअन्न (मिलेट) की खेती के गुर सिखाएंगे। यहां के किसान तंजानिया को श्रीअन्न व उसके बीज की आपूर्ति करेंगे। वहां मिलेट की एक बीज उत्पादन इकाई भी लगाएंगे। इसके लिए तंजानिया की एक संस्था वहां 67 एकड़ जमीन देगी। फतेहपुर जिले के रहने वाले प्रदीप द्विवेदी एचबीटीआई कानपुर से एमटेक हैं। आईपीएसटी मध्य प्रदेश से फूड साइंस में बीटेक किया है।


अपने एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में लखनऊ आए प्रदीप बताते हैं कि करीब एक दशक पहले न्यूट्रेलिस एग्रो फूड नाम से एक एग्रो स्टार्ट-अप की स्थापना की थी। वह बताते हैं किहाल ही में तंजानिया के किसानों को श्रीअन्न की खेती का प्रशिक्षण देने और वहां एक बीज उत्पादन इकाई लगाने का प्रस्ताव मिला है। इसके लिए तंजानिया एग्रीकल्चरल कैटालिक ट्रस्ट व अमेरिका की एपेक्स होल्डिंग कंपनी के साथ समझौता किया गया है। इसके अंतर्गत यहां कि किसानों के बाजरा, रागी, कुट्टू जैसे श्रीअन्न तंजानिया को निर्यात करेंगे। वहां ट्रस्ट इनसे कुकीज व अन्य उत्पाद तैयार कराकर यूएस के रिटेल चेन को उपलब्ध कराएगा।


प्रदीप ने बताया कि इसके अलावा तंजानिया में श्रीअन्न की बीज उत्पादन इकाई लगाई जाएगी। इसके लिए ट्रस्ट ने 67 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का फैसला किया है। वहां के 1000 किसानों को श्रीअन्न की खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां के दो से तीन प्रगतिशील किसान बारी-बारी से वहां किसानों को प्रशिक्षण देने जाएंगे। इससे यहां के किसानों की आय में इजाफा होगा। वह बताते हैं किसानों के साथ की इस यात्रा में यूपी कृषि विभाग में एफपीओ सेल के राज्य सलाहकार पीएस ओझा का बहुमूल्य मार्गदर्शन मिल रहा है।

30 हजार किसानों की टीम, 1000 को रोजगार
प्रदीप बताते हैं कि उन्होंने अपने मॉडल के केंद्र में किसानों व श्रीअन्नको रखा। इसके पीछे किसानों को आवश्यक संसाधन व मदद देकर उनकी आय बढ़ाने और फास्ट फूड की ओर भाग रहे लोगों की पहुंच में पौष्टिक श्रीअन्न को लाना है। उनका मंत्र है 'कम खाओ-अच्छा खाओ, शुद्ध खाओ-बीमारियों से खुद को बचाओ।' 

इसके लिए सबसे पहले फतेहपुर में 250 किसानों का समूह बनाया। इसके अलावा आंध्र प्रदेश व कर्नाटक के किसानों से कलस्टर में श्री अन्न की खेती शुरू कराई। इनसे चिया के बीज, तुलसी, क्विनोवा व सरसों आदि की बुवाई करानी शुरू की। इनके उत्पाद की मार्केटिंग व बिक्री के लिए स्टार्ट-अप की स्थापना की। अब किसानों से दर्जनों तरह के श्रीअन्न से जुड़े उत्पाद तैयार करा रहे हैं। इसकी न सिर्फ देश में जबर्दस्त मांग है बल्कि विदेशों में निर्यात भी कर रहे हैं। प्रदीप का दावा है कि उनके साथ करीब 30 हजार किसान सीधे जुड़े हैं, जिन्हें इसका सीधा फायदा मिलता है। करीब 500 लोगों की टीम काम कर रहीहै, जिन्हें सीधे रोजगार मिल रहा है।

मंदिरों में प्रसाद और ट्रेन के खाने में श्रीअन्न के लड्डू देने का मौका
प्रदीप बताते हैं कि उन्हें कई प्रतिष्ठित मंदिरों के प्रसाद और रेलवे के भोजन में दिए जाने वाले मीठे के स्थान पर श्रीअन्न का लड्डू देने का प्रस्ताव मिला है। एक लाख लड्डू प्रतिदिन प्रसाद के लिए जबकि 50 हजार लड्डू प्रतिदिन रेलवे में रसगुल्ले की जगह देना है। इसके लिए मिलिटका न्यूट्रीफूड्स से हाथ मिलाया है। मंदिरों को 40-40 ग्राम के दो-दो लड्डू व 10 ग्राम पंजीरी का पाउच दिया जाएगा। रेलवे को 40 ग्राम के लड्डू का पैक दिया जाएगा। कंपनी लड्डू बनाने के लिए फतेहपुर में एक अलग प्लांट लगाने जारही है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।

न्यूट्रेलिस की सहकारी समिति जल्द
न्यूट्रेलिस केंद्र व राज्य सरकार के स्तर से कृषक उत्पादक समूहों को दिए जाने वाले लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए न्यूट्रेलिस एग्रो किसान सहकारीसमिति बनाने की कार्यवाही कर रही है। इस समिति ने एक 12 वर्षीय परियोजना कीरूपरेखा तैयार की है। इसके अंतर्गत किसानों से 50 एकड़ पपीता की खेती कराई जाएगी। अप्रैल से किसानों का चयन शुरू होगा। चयनित किसानों को अनुदानित दरपर पपीता की खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उनके पपीते की खरीद करवाकरबिक्री की जाएगी। यह पूरी तरह केमिकल मुक्त आर्गेनिक उत्पाद होगा। इससेकिसानों की कई गुना आय बढ़ेगी।

- 100 एकड़ जमीन पर किसानों से तुलसी की खेती पहले से करा रहे हैं।
- हेल्थी फाइबर फूड क्विनोवा कुकीज व क्विनोवा मिल्क का उत्पादन। क्विनोवामिल्क के लिए नोएडा में प्लांट लगाया गया

प्रदीप को मुख्य सम्मान
- केंद्र सरकार के खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय ने इनोवेटिव आर्गेनिकप्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग अवार्ड व बेस्ट आर्गेनिक कैश क्राप एस ए फूड सिक्योरिटी अवार्ड-2018
- आर्गेनिक फार्मर अवार्ड-2021 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार।
- बेस्ट इनोवेटिव मिलेट फूड प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग अवार्ड डिफेंस रिसर्च लैब मैसूर-2023।
- बेस्ट इनोवेशन स्टार्ट-अप अवार्ड, सीएसआईआर लैब आईआईटीआर, लखनऊ।