अब फोन में बिना सिम कार्ड या इंटरनेट देख पाएंगे वीडियो! सरकार लॉन्च करने जा रही है D2M Technology

यह टेक्नोलॉजी बिना किसी एक्टिव  इंटरनेट कनेक्शन के स्मार्टफ़ोन पर मल्टीमीडिया कॉन्टेंट ट्रांसमिट करने  में सक्षम है. D2M का उपयोग करके नेटवर्क बैंडविड्थ पर दबाव डाले बिना सीधे यूजर्स के मोबाइल फोन पर जानकारी पहुंचाई जा सकती है. इसका उपयोग एमरजेंसी अलर्ट जारी करने और डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए मदद करने के लिए किया गया है.

अब फोन में बिना सिम कार्ड या इंटरनेट देख पाएंगे वीडियो! सरकार लॉन्च करने जा रही है D2M Technology

देश भर में जल्द ही ‘डायरेक्ट-टू-मोबाइल' ब्रॉडकास्टिंग टेक्नोलॉजी लॉन्च होने वाली है. इसको लेकर केंद्र सरकार की तैयारी जोरों पर है. इसमें मोबाइल यूजर बिना सिम कार्ड या इंटरनेट कनेक्शन के वीडियो स्ट्रीम कर सकेंगे. यूजर को अपने स्मार्टफोन पर लाइव टीवी चैनल देखने की अनुमति मिलेगी. इसे डायरेक्ट-टू-मोबाइल टेक्नोलॉजी नाम दिया गया, जिसका फिलहाल अलग-अलग शहरों में ट्रायल किया जा रहा है.

यह टेक्नोलॉजी बिना किसी एक्टिव  इंटरनेट कनेक्शन के स्मार्टफ़ोन पर मल्टीमीडिया कॉन्टेंट ट्रांसमिट करने  में सक्षम है. D2M का उपयोग करके नेटवर्क बैंडविड्थ पर दबाव डाले बिना सीधे यूजर्स के मोबाइल फोन पर जानकारी पहुंचाई जा सकती है. इसका उपयोग एमरजेंसी अलर्ट जारी करने और डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए मदद करने के लिए किया गया है.

सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने एक ब्रॉडकास्टिंग कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जल्द ही देश के 19 शहरों में डायरेक्ट-टू-मोबाइल टेक्नोलॉजी का ट्रायल किया जाएगा.  पिछले साल डी2एम टेक्नोलॉजी का ट्रायल करने के लिए बेंगलुरु, कर्तव्य पथ और नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट चलाए गए थे.

संचार मंत्रालय ने डी2एम टेक्नोलॉजी के फीचर्स के बारे में एक लेटर जारी किया है, जिसके मुताबिक, यह मोबाइल- सेंट्रिक एंड सीमलेस कॉन्टेंट डिलिवरी, हाइब्रिड ब्रॉडकास्ट, रीयल टाइम एंड ऑन-डिमांड कॉन्टेंट और इंटरैक्टिव सर्विस देने का काम करेगी. 

अपूर्व चंद्रा ने कहा कि देश में 80 करोड़ स्मार्टफोन हैं और यूजर्स तक पहुंच वाली 69 प्रतिशत कॉन्टेंट वीडियो फॉर्मेट में है. वीडियो के भारी उपयोग के कारण मोबाइल नेटवर्क में रुकावट आती है,जिससे वह रुक-रुककर चलने लगता है. इस नए टेक्नोलॉजी के आने से ये समस्या खत्म हो जाएगी. 

उन्होंने कहा कि वीडियो ट्रैफिक का 25-30 प्रतिशत डी2एम में ट्रांसफर होने से 5जी नेटवर्क की रुकावट कम हो जाएगी, जिससे देश में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी आएगी.  इस उभरती टेक्नोलॉजी के लिए 470-582 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम आरक्षित करने पर जोर दिया जाएगा.

चंद्रा ने कहा कि डी2एम तकनीक देश भर में लगभग 8-9 करोड़ 'टीवी डार्क' घरों तक पहुंचने में मदद करेगी. देश के 28 करोड़ घरों में से केवल 19 करोड़ के पास टेलीविजन सेट हैं.