माघ मास की पूर्णिमा तिथि आज, लाखों श्रद्धालु संगम पर लगा रहे हैं आस्था की डुबकी

सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जाएगी. मेला क्षेत्र में बने खोया पाया केंद्र भी लगातार अपना काम कर रहा है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर 3.5 किलोमीटर लंबा डीप वाटर बैरिकेडिंग कर जाल डाला गया है. साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस, गोताखोर भी तैनात किए गए हैं.

माघ मास की पूर्णिमा तिथि आज, लाखों श्रद्धालु संगम पर लगा रहे हैं आस्था की डुबकी

माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, सुबह चार बजे तक 4 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, माघी पूर्णिमा के पर्व पर स्नान और दान का विशेष महत्व है, इस दिन कल्पवासी अपना कल्पवास का संकल्प पूरा कर मां गंगा से विदा लेते हैं.

सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जाएगी. मेला क्षेत्र में बने खोया पाया केंद्र भी लगातार अपना काम कर रहा है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर 3.5 किलोमीटर लंबा डीप वाटर बैरिकेडिंग कर जाल डाला गया है. साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस, गोताखोर भी तैनात किए गए हैं.

प्रयागराज में लगे मेला क्षेत्र से निकलने के लिए पीपा पुल नंबर 2 और 4 का प्रयोग कल्पवासी कर सकेंगे. कल्पवासी अपने गंतव्य तक सकुशल पहुंच सकें, इसके लिए चारों दिशाओं में अलग से रूट का निर्धारण किया गया है. 

साथ ही मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो, सुगमता पूर्वक श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाकर अपने गंतव्य तक जा सके, इसके लिए एकल मार्ग की व्यवस्था की गई है. चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात किए गए हैं. 

माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ ही पवित्र कल्पवास का हो जाएगा समापन, एक महीने तक संगम तट पर रहकर कल्पवास करने वाले श्रद्धालु अपने घरों के लिए होंगे रवाना.

माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर संगम में श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी. लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में लगा रहे आस्था की डुबकी. ब्रह्मुहूर्त से शुरू हुआ है स्नान का सिलसिला. संगम के तटों पर चारों तरफ श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा है.