सेक्शन 80C और 80D का उठा लिया फायदा, अब इन धाराओं से पाएं छूट का लाभ! इनकम टैक्स बचाने के तरीके 

इनकम टैक्स बचाने के लिए ज्यादातर लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 80C और 80D के बारे में मालूम होता है. लेकिन, इसके अलावा भी कई और धाराएं हैं जिनके जरिए इनकम टैक्स में छूट का फायदा लिया जा सकता है.

सेक्शन 80C और 80D का उठा लिया फायदा, अब इन धाराओं से पाएं छूट का लाभ! इनकम टैक्स बचाने के तरीके 

इनकम टैक्स बचाने के लिए टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग कई तरह की छूट देता है, जिनका लाभ लेकर टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है. इनकम टैक्स बचाने के लिए ज्यादातर लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 80C और 80D के बारे में मालूम होता है. लेकिन, इसके अलावा भी कई और धाराएं हैं जिनके जरिए इनकम टैक्स में छूट का फायदा लिया जा सकता है.

सबसे पहले बात करते हैं आयकर अधिनियम की धारा 80C के बारे में, जिसके जरिए विभिन्न योजनाओं पर निवेश कर आयकर में छूट का दावा किया जा सकता है. सेक्शन80 C के तहत, आप अपनी कुल आय से 1.5 लाख रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं.

आयकर अधिनियम की धारा 80D मेडिकल खर्च पर कटौती के लिए है. इस धारा के तहत टैक्सपेयर स्वयं, परिवार और आश्रित माता-पिता के सेहत के लिए भुगतान किए गए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स बचा सकता है. स्वयं/ परिवार के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए धारा 80 D कटौती की सीमा 25 हजार रुपये है. बुजुर्ग माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए, आप 50 हजार रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. वहीं, सेक्शन 80DD में किसी विकलांग व्यक्ति के इलाज पर होने वाले खर्च के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं.

धारा 80E में एजुकेशन लोन पर ब्याज में कटौती की सुविधा मिलती है. इसमें महत्वपूर्ण शर्तें यह हैं कि लोन किसी व्यक्ति या उसके पति या बच्चों द्वारा हायर एजुकेशन (भारत या विदेश में) के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान से लिया जाना चाहिए.

आयकर अधिनियम की धारा 80 EE में टैक्सपेयर को होम लोन ईएमआई के ब्याज पर 50 हजार रुपये (धारा 24) की अतिरिक्त कटौती का दावा करने की सुविधा मिलती है. बशर्ते लोन 35 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

इनकम टैक्स की धारा 80 जी के तहत कोई भी शख्स, एचयूएफ या कंपनी किसी फंड या चैरिटेबल संस्था को दिए गए दान पर टैक्स छूट का फायदा ले सकता है. हालांकि, इसके लिए जरूरी शर्त यह है कि आप जिस संस्था को यह दान देते हैं, वह सरकार के पास रजिस्टर्ड जरूर होनी चाहिए. खास बात है कि कुछ मामलों में 50 फीसदी तक की टैक्स छूट पाई जा सकती है. दान चेक/ड्राफ्ट या कैश में ​दिया जा सकता है और सर्टिफिकेट के तौर पर इसका प्रमाण आपके पास होना चाहिए.

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80TTA बचत खाता ब्याज से अर्जित आय पर 10 हजार तक की कटौती प्रदान करता है. यह छूट व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित फैमिली के लिए उपलब्ध है.

इसके तहत टैक्सपेयर को अपने किसी आश्रित सदस्य की गंभीर और लंबी बीमारी के इलाज में खर्च की गई रकम पर आय कर कटौती मिलती है.