बड़ी खबर: जानिए देश के दो मुख्यमंत्री जिन पर लटक रही गिरफ़्तारी की तलवार

पहला नाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है, जिनसे कथित शराब घोटाले में पूछताछ की जानी है. इसी केस में उनके कई पूर्व सहयोगी जेल में हैं. दूसरा नाम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का है. वह बार-बार बुलाने पर भी नहीं आए तो ईडी ने अब कहा है कि आप अपने हिसाब से समय, तारीख और जगह बता दें जिससे सवाल-जवाब हो सके. 

बड़ी खबर: जानिए देश के दो मुख्यमंत्री जिन पर लटक रही गिरफ़्तारी की तलवार

अगले कुछ महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दो राज्यों के मुखिया पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. दोनों राज्य विपक्ष शासित हैं और उनके मुख्यमंत्रियों को बार-बार प्रवर्तन निदेशालय यानी ED का समन आ रहा है लेकिन वे पेश नहीं हो रहे हैं. 

पहला नाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है, जिनसे कथित शराब घोटाले में पूछताछ की जानी है. इसी केस में उनके कई पूर्व सहयोगी जेल में हैं. दूसरा नाम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का है. वह बार-बार बुलाने पर भी नहीं आए तो ईडी ने अब कहा है कि आप अपने हिसाब से समय, तारीख और जगह बता दें जिससे सवाल-जवाब हो सके. 

उन पर दबाव बढ़ता दिखा तो अचानक एक विधायक का इस्तीफा हुआ और रांची के सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जाने लगीं कि संभावित कार्रवाई को देखते हुए सीएम अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति बना चुके हैं. दोनों ही विपक्षी पार्टियां ईडी के समन को राजनीति से प्रेरित बता रही हैं.  

दिल्ली के मुख्यमंत्री को ईडी ने पहली बार 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था. हालांकि केजरीवाल ED के सामने न जाकर लिखित में जवाब भेज देते हैं और उसी दिन चुनाव प्रचार के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मध्य प्रदेश चले गए. दो और समन आए लेकिन दिल्ली के सीएम ने ईडी पर ही सवाल खड़े कर दिए. 

ED ने केजरीवाल को दूसरा समन 18 दिसंबर को भेजा था और 21 दिसंबर को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया. एक बार फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लिखित जवाब भेजा और बताया कि पहले से विपश्यना कार्यक्रम निर्धारित है और वह पंजाब के होशियारपुर चले गए. 10 दिन बाद विपश्यना साधना से लौटे और 30 दिसबंर को ट्वीट कर जानकारी दी तो सोशल मीडिया पर कई लोगों ने 'जेल जाने की तैयारी' की बात लिखनी शुरू कर दी. 

केजरीवाल ने दोनों लिखित जवाब में ईडी के समन पर सवाल खड़े किए थे और ईडी से ही पूछा था कि वह उन्हें किस हैसियत से बुला रही है? उन्होंने ये भी लिखा कि ऐसा लगता है कि ये समन बीजेपी के इशारे पर भेजा गया है जो राजनीति से प्रेरित है इसलिए ये समन गैरकानूनी है और ईडी इसे तत्काल वापस ले. 

आखिर में उन्होंने लिखा था कि मैंने पूरा जीवन ईमानदारी और पारदर्शिता से बिताया है, मेरे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है, मेरा जीवन खुली किताब है. अब तीसरी बार ईडी ने समन भेजकर अरविंद केजरीवाल को 3 जनवरी यानी आज एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया है. सुबह तक सस्पेंस बरकरार है कि वह पूछताछ में शामिल होंगे या एक बार फिर ईडी को लिखित जवाब भेजेंगे. 

सीएम सोरेन ने गांडेय विधानसभा सीट से पत्नी कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के कयासों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा की ‘कोरी कल्पना’ है. इससे पहले भाजपा ने दावा किया था कि विधायक को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था जिससे ईडी जांच से पैदा हुई किसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री की पत्नी चुनाव लड़ सकें. 

लाभ के पद से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में ईडी ने कई बार सीएम सोरेन को समन भेजा है. इसके अलावा चुनाव आयोग ने अगस्त 2022 में झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस को एक पत्र भेजा था, जिसमें माना जाता है कि उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई थी क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें दिए गए खनन पट्टे का नवीनीकरण किया गया था. हालांकि न तो बैस और न ही उनके उत्तराधिकारी सीपी राधाकृष्णन ने वह पत्र खोला. 

मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी ने 'पीटीआई' को बताया कि गांडेय सीट खाली करना एक तगड़ी चाल है. ऐसी आशंका है कि ईडी के सोरेन से पूछताछ के दौरान राज्यपाल पत्र खोलेंगे और एजेंसी को मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने की अनिवार्य अनुमति देंगे. 

अगर सोरेन को विधानसभा की सदस्यता छोड़नी पड़ी तो वह बिना निर्वाचित हुए छह महीने तक मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं. करीबी ने बताया कि वह अवधि समाप्त होने के बाद उपचुनाव कराने का प्रावधान मौजूद नहीं रहेगा क्योंकि नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में प्रभावी तौर पर सोरेन अगले विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे.