सूजन और डायबिटीज का काल है यह जंगली पौधा, किडनी-लिवर में भी उपयोगी, जड़-पत्तियां सब औषधि

जंगलों में साधारण सा दिखने वाला मकोय का पौधा आयुर्वेदिक पद्धति में काफी महत्व रखता है

सूजन और डायबिटीज का काल है यह जंगली पौधा, किडनी-लिवर में भी उपयोगी, जड़-पत्तियां सब औषधि

जंगलों में साधारण सा दिखने वाला मकोय का पौधा आयुर्वेदिक पद्धति में काफी महत्व रखता है. इस पौधे की पत्तियां, जड़, टहनी और फल विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने में सहायक मानी जाता हैं. इतना ही नहीं अगर एक साथ इस पूरे पौधे के भाग को एकत्रित करते हुए पाउडर बनाकर उपयोग किया जाए. तो यह शरीर के लिए काफी लाभदायक माना जाता है.

लोकल 18 से बातचीत में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय प्रोफेसर विजय मलिक ने बताया कि मकोय बैगन और टमाटर की प्रजाति का ही पौधा माना जाता है. अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंदर या बाहर सूजन है. वह उससे काफी परेशान है, तो ऐसे सभी लोग इसकी पत्तियां, जड़, टहनी और बीज संपूर्ण भाग का काढ़ा बनाकर उपयोग में ला सकते हैं. यह सूजन को दूर करने में काफी सहायक माना जाता है.

 वहीं इसके बीज को सुखाकर पाउडर बनाकर उसका उपयोग करने से डायबिटीज को भी कंट्रोल रखा जा सकता है. यही नहीं अगर आप नींद ना आने की समस्या से भी परेशान हैं. तो ऐसे सभी लोग इसके जड़ का पाउडर का सेवन कर सकते हैं, जो अनिद्रा में काफी उपयोगी माना जाता है. वह सोने से पहले काढ़े के तौर पर इसका उपयोग कर सकते हैं.

इन बीमारियों में है लाभदायक
प्रोफेसर मलिक कहते हैं कि इसमें विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं. जो मनुष्य को स्वस्थ रखने में काफी उपयोगी होता है. वह बताते हैं कि इस पौधे के उपयोग के माध्यम से किडनी संबंधित कोई भी समस्या हो उसका निवारण होता है. साथ ही लिवर, हृदय रोगियों के लिए भी यह पौधा लाभदायक है. पौधे की पहचान काफी आसान है. यह टमाटर और बैगन की प्रजाति से मिलता जुलता हुआ दिखाई देता है. इस पर छोटे-छोटे फल आते हैं. जो बैगनी कलर के ही होते हैं.