स्मृति ईरानी बोली- 'मोदी है तो मुमकिन है' यह सिर्फ कहने की बात नहीं: महिला आरक्षण बिल पास होने पर जताई खुशी

संसद में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने खुशी जाहिर की। इस ऐतिहासिक पल के लिए उन्होंने सभी की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खासतौर पर सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि यह दिखाती है कि 'मोदी है तो मुमकिन है' महज एक कहावत नहीं है।

स्मृति ईरानी बोली- 'मोदी है तो मुमकिन है' यह सिर्फ कहने की बात नहीं: महिला आरक्षण बिल पास होने पर जताई खुशी

संसद में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने खुशी जाहिर की। इस ऐतिहासिक पल के लिए उन्होंने सभी की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खासतौर पर सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि यह दिखाती है कि 'मोदी है तो मुमकिन है' महज एक कहावत नहीं है।

दरअसल, लंबे समय से इस कानून की मांग की जा रही थी। आखिरकार इसे संसद की मिलने के बाद केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री कहा कि हमने अक्सर यह सुनते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है। आज प्रधानमंत्री ने फिर से इस बात को साबित कर दिया है कि ये खोखले शब्द नहीं हैं।

इससे पहले लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला 128वां संविधान संशोधन विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में पास हो गया। दिनभर की लंबी चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े, जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला।

इसी के साथ संसद और विधानसभाओं में महिला सशक्तिकरण की राह में बीते 27 साल से पड़ा सूखा खत्म हो गया और नए संसद भवन ने पहले ही सत्र में नारी शक्ति का वंदन करने का नया इतिहास रच दिया। इससे पहले विधेयक को बुधवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे।

विधेयक के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण है। 140 करोड़ भारतीयों को बधाई। मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया। इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है। संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह महज एक विधान नहीं है, यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे देश को बनाया है। भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है। जैसा कि हम आज मनाते हैं, हमें अपने देश की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है। यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज़ को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए।