राम मंदिर निर्माण पर आडवाणी ने लिखा:एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति, यह नियति ने तय किया, इसके लिए PM मोदी को चुना

पत्रिका के विशेष संस्करण की कॉपी उन सभी लोगों को दी जाएगी जो अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। आडवाणी ने इस क्षण को लाने, रामलला का भव्य मंदिर बनाने और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी है।

राम मंदिर निर्माण पर आडवाणी ने लिखा:एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति, यह नियति ने तय किया, इसके लिए PM मोदी को चुना

नियति ने तय किया था कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा और उसने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुना। राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे रहे भाजपा के दिग्गज भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्र धर्म पत्रिका के विशेष संस्करण में लिखे अपने लेख में ये बातें कहीं। लेख 16 जनवरी को प्रकाशित होगा।

पत्रिका के विशेष संस्करण की कॉपी उन सभी लोगों को दी जाएगी जो अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। आडवाणी ने इस क्षण को लाने, रामलला का भव्य मंदिर बनाने और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी है।

यात्रा ने खुद को समझने का मौका दिया
आडवाणी के लिखे लेख का शीर्षक है - राम मंदिर निर्माण, एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति। लेख में आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए 33 साल पहले निकाली गई रथ यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि उनका मानना ​​​​है कि अयोध्या आंदोलन उनकी राजनीतिक यात्रा में सबसे निर्णायक और परिवर्तनकारी घटना थी। इस यात्रा ने उन्हें भारत को फिर से खोजने और इस प्रक्रिया में, खुद को फिर से समझने का मौका दिया।

अटलजी की कमी महसूस कर रहे
नियति ने तय किया था कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा और उसने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुना। राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे रहे भाजपा के दिग्गज भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्र धर्म पत्रिका के विशेष संस्करण में लिखे अपने लेख में ये बातें कहीं। लेख 16 जनवरी को प्रकाशित होगा।

पत्रिका के विशेष संस्करण की कॉपी उन सभी लोगों को दी जाएगी जो अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। आडवाणी ने इस क्षण को लाने, रामलला का भव्य मंदिर बनाने और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी है।

यात्रा ने खुद को समझने का मौका दिया
आडवाणी के लिखे लेख का शीर्षक है - राम मंदिर निर्माण, एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति। लेख में आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए 33 साल पहले निकाली गई रथ यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि उनका मानना ​​​​है कि अयोध्या आंदोलन उनकी राजनीतिक यात्रा में सबसे निर्णायक और परिवर्तनकारी घटना थी। इस यात्रा ने उन्हें भारत को फिर से खोजने और इस प्रक्रिया में, खुद को फिर से समझने का मौका दिया।

अटलजी की कमी महसूस कर रहे
आडवाणी ने कहा है कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी रथ यात्रा के दौरान उनके साथ थे। तब वह बहुत प्रसिद्ध नहीं थे, लेकिन उसी समय भगवान राम ने अपने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए अपने भक्त (मोदी) को चुना था। जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर में (भगवान राम की मूर्ति) का अभिषेक करेंगे, तो वह हमारे भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं प्रार्थना करता हूं कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्री राम के गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करे।

उस समय मुझे लगा कि नियति ने तय कर लिया है कि एक दिन अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर जरूर बनेगा। अब यह केवल समय की बात है। अयोध्या में राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित किया जाना है।

रथयात्रा ने मेरे जीवन को प्रभावित किया
रथयात्रा के दौरान कई ऐसे अनुभव हुए जिन्होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया। दूर-दराज के गांवों से अनजान लोग रथ को देखकर भाव-विभोर होकर मेरे पास आते थे। वे प्रणाम करते, भगवान राम का नाम जपते और चले जाते। ये संदेश था कि राम मंदिर का सपना देखने वाले बहुत से लोग हैं। 22 जनवरी को मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ उन ग्रामीणों की दबी हुई इच्छाएं भी पूरी हो जाएंगी।