Uniform Civil Code: "नहीं बदलेंगे चली आ रही प्रथाएं, ड्राफ्ट का कानूनी रूप से होगा परीक्षण" बोले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि संविधान के अनुच्छेद-44 में समान नागरिक संहिता का प्रावधान है। यूसीसी लागू होने से किसी धर्म व समुदाय के रीति-रिवाज नहीं बदलेंगे। सभी के लिए एक समान कानून होगा। यूसीसी समिति ने ड्राफ्ट तैयार करने के लिए देश भर में 2.31 लाख लोगों की राय ली। जिसमें धर्म, समुदाय, हितधारकों का मत लिया गया। विधि आयोग से भी राय ली जा रही है। 

Uniform Civil Code: "नहीं बदलेंगे चली आ रही प्रथाएं, ड्राफ्ट का कानूनी रूप से होगा परीक्षण" बोले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से किसी की चल रही आ रही प्रथाएं नहीं बदलेंगे। विशेषज्ञ समिति ने तय समय 30 जून को ड्राफ्ट का संकलन कर लिया है। जल्द ही समिति की ओर से तैयार ड्राफ्ट सरकार को मिलेगा। जिस पर चर्चा कर कानूनी पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद ही सरकार निर्णय लेगी। 

नई दिल्ली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि संविधान के अनुच्छेद-44 में समान नागरिक संहिता का प्रावधान है। यूसीसी लागू होने से किसी धर्म व समुदाय के रीति-रिवाज नहीं बदलेंगे। सभी के लिए एक समान कानून होगा। यूसीसी समिति ने ड्राफ्ट तैयार करने के लिए देश भर में 2.31 लाख लोगों की राय ली। जिसमें धर्म, समुदाय, हितधारकों का मत लिया गया। विधि आयोग से भी राय ली जा रही है। 

सीएम ने कहा कि यूसीसी समिति ने 30 जून तक ड्राफ्ट तैयार करने की बात कही थी। दिल्ली में समिति के सदस्यों ने मुलाकात कर बताया कि ड्राफ्ट का संकलन तय समिति में कर लिया गया है। जल्द ही समिति ड्राफ्ट सरकार को सौंपेगी। इस पर चर्चा के साथ ही कानूनी पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद ही सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।

जानकारी के लिए बता दे कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 12 फरवरी 2022 को (विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन) वादा किया था कि अगर हम सत्ता में दोबारा आए तो समान नागरिक संहिता लागू करेंगे. यहां एक कार्यक्रम में धामी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने किसी राजनीतिक दल को लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का अवसर देकर इस बात पर अपनी मुहर लगाई. उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए जनता ने हमें जनादेश दिया और अब हम अपना किया वादा अब निभाने जा रहे हैं.’’

राज्य सरकार ने कानून का मसौदा तैयार करने के लिये सत्ता में आते ही विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति ने इस दौरान दो लाख से भी ज्यादा लोगों के सुझाव और विचार लिए. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही यह मसौदा मिलेगा, उसे हम देवभूमि उत्तराखंड में लागू करेंगे.’’ उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि इस दिशा में देश के अन्य राज्य भी आगे आएंगे.