धर्मांतरण अधिनियम के तहत यूपी में पहली सजा- अफजल ने अरमान बनकर रची थी हिन्दू लड़की से शादी की साजिश, अब 5 साल की सजा
धर्म बदल कर नर्सरी संचालक की नाबालिग बेटी का अपहरण कर शादी करने की कोशिश करने वाले दोषी को न्यायालय ने पांच साल की सजा सुनाई है। अफजल ने अपना धर्म छिपाकर किशोरी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया, जिसके बाद दोनों फोन पर बात करने लगे।
धर्म बदल कर नर्सरी संचालक की नाबालिग बेटी का अपहरण कर शादी करने की कोशिश करने वाले दोषी को न्यायालय ने पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत प्रदेश की पहली सजा है। दोषी जमानत पर जेल से बाहर था। न्यायालय का फैसला आने के बाद उसे कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया गया है।
हसनपुर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले कारोबारी की हसनपुर-गजरौला रोड पर नर्सरी है। मार्च 2021 में कारोबारी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ नर्सरी पर मौजूद थे। तभी एक व्यक्ति नर्सरी पर पौधे खरीदने पहुंचा था। उसकी गाड़ी पर संभल जनपद के हयातनगर थानाक्षेत्र के गांव मंगलपुरा सरायतरीन निवासी मोहम्मद अफजल बतौर ड्राइवर आया था। तभी मोहम्मद अफजल की मुलाकात नर्सरी संचालक की 16 वर्षीय बेटी से हो गई।
इस दौरान मोहम्मद अफजल ने अपना धर्म छिपाकर खुद को अरमान कोहली (हिंदू धर्म) से बताया था। लिहाजा अफजल ने अपना धर्म छिपाकर किशोरी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया, जिसके बाद दोनों फोन पर बात करने लगे। व्हाट्सएप पर चैट भी करते थे।
दो अप्रैल 2021 को अफजल नर्सरी संचालक की बेटी से शादी करने के उद्देश्य से उसका अपहरण कर दिल्ली ले गया लेकिन शादी करने से पहले ही उसकी असलियत का पता चलने पर किशोरी के होश उड़ गए। विरोध करने पर उसने किशोरी के साथ छेड़खानी की और जान से मारने की धमकी दी।
इस मामले में नर्सरी संचालक ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। घटना के दो दिन बाद पुलिस ने दोनों को नई दिल्ली के उस्मानपुर थानाक्षेत्र से बरामद कर लिया था। तभी किशोरी ने आरोपी मोहम्मद अफजल पर धर्म बदलकर शादी करने के लिए झांसे में लेने का आरोप लगाया था।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत केस दर्ज किया था। बाद में मोहम्मद अफजल को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था। फिलहाल वह जमानत पर जेल से बाहर था।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत केस दर्ज किया था। बाद में मोहम्मद अफजल को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था। फिलहाल वह जमानत पर जेल से बाहर था।
यह मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष (पॉक्सो एक्ट प्रथम) डॉ. कपिला राघव की अदालत में विचाराधीन था। शुक्रवार को न्यायालय ने मुकदमे में सुनवाई की। अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट बसंत सिंह सैनी ने पैरवी की।
न्यायालय ने साक्ष्य के आधार पर आरोपी मोहम्मद अफजल को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था। जबकि शनिवार को न्यायालय ने दोषी मोहम्मद अफजल को पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही उस पर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 बनने के बाद प्रदेश में कई मुकदमे दर्ज हुए हैं लेकिन ये प्रदेश का पहला मामला है जिसमें दोषी को सजा हुई है।
- हरेंद्र सिंह यादव, अपर निदेशक अभियोजन