कहीं सामने वाला आपको कंट्रोल तो नहीं कर रहा? अपने अंदर ये आदतें दिखें तो हो जाएं सतर्क 

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आपके जीवन में ये दावा तो करते हैं कि वो आपके दोस्त हैं, लेकिन वो असल में अपने फायदे के लिए आपके साथ होते हैं. ऐसे लोगों की संगत के चलते आपको कई नुकसान हो सकते हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ा नुकसान होता है कि ये लोग अपनी बातों से आपके एक्शन को कंट्रोल करने लगते हैं. आपको ऐसे लोगों से बेहद सतर्क रहने की जरूरत है.

कहीं सामने वाला आपको कंट्रोल तो नहीं कर रहा? अपने अंदर ये आदतें दिखें तो हो जाएं सतर्क 

आपके जीवन में बहुत से लोग जुड़े होते हैं. कुछ लोग आपके दोस्त होते हैं तो कुछ आपके परिवारवाले. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आपके जीवन में ये दावा तो करते हैं कि वो आपके दोस्त हैं, लेकिन वो असल में अपने फायदे के लिए आपके साथ होते हैं. ऐसे लोगों से बचकर रहना बहुत जरूरी है. 

ऐसे लोगों की संगत के चलते आपको कई नुकसान हो सकते हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ा नुकसान होता है कि ये लोग अपनी बातों से आपके एक्शन को कंट्रोल करने लगते हैं. आपको ऐसे लोगों से बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. आज हम आपको चार ऐसी आदतें बता रहे हैं जो उन लोगों में दिख सकती हैं जो दूसरों के जीवन को कंट्रोल करते हैं. इसे अंग्रेजी भाषा में मैनिपुलेशन कहा जाता है.

मनोविज्ञान से जुड़े एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आप जो चाहते हैं उसे पाने का एक बहुत प्रभावी तरीका मैनिपुलेशन हो सकता है, लेकिन यह बहुत खतरनाक भी हो सकता है. अगर कोई आपको मैनिपुलेट कर रहा होता है तो वो आपके एक्शन से लेकर आपके विचारों तक को कंट्रोल कर सकता है. आइए जानते हैं कैसे करें मैनिपुलेशन करने वालों की पहचान.

आपको झूठा साबित करने की कोशिश:

जो लोग दूसरों के जीवन को कंट्रोल करना चाहते हैं, उनकी सबसे बड़ी आदत होती है कि वो सामने वाले को हर वक्त झूठा साबित करने में लगे रहते हैं. वो किसी भी बातचीत को इस तरह मोड़ते हैं कि आपको खुद की बातों पर ही शक होने लगता है. आप ऐसे लोगों के सामने कितने भी तर्क दे दें, ये आपके हर तर्क को गलत साबित करने में लगे रहेंगे.

आपके रिएक्शन पर सवाल:

ऐसे लोग आपके हर रिएक्शन पर सवाल उठाते हैं. अगर आप ज्यादा खुश हैं और उसे एक्सप्रेस कर रहे हैं तो ये आपको एहसास दिलाएंगे कि आप जरूरत से ज्यादा खुश हो रहे हैं. वहीं, अगर आपको किसी की बात बुरी लगी है और आप उस बात को जाहिर कर रहे हैं तो ये लोग आपको बताने की कोशिश करेंगे कि आप गलत रिएक्ट कर रहे हैं.

जरूरत से ज्यादा फ्रेंडली होने की कोशिश: 

कोई सच में आपके साथ फ्रेंडली हो रहा है या कोई बस मतलब के लिए आपके साथ फ्रेंडली हो रहा है, इसमें अंतर करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो जिन लोगों में दूसरों को मैनिपुलेट करने की प्रवृत्ति होती है, वो अक्सर सामने वाले के साथ जरूरत से ज्यादा फ्रेंडली होते हैं. इसलिए जरूरी है कि आपको अपने सच्चे दोस्तों की पहचान होनी चाहिए. इससे आप ये पता लगा सकेंगे कि सामने वाला सच में आपका दोस्त है या बस अपने मतलब के लिए आपके साथ फ्रेंडली हो रहा है.

अपराधबोध कराना:

एक्सपर्ट्स की मानें तो जो लोग आपको कंट्रोल करने की या मैनिपुलेट करने की कोशिश करते हैं, वो अक्सर आपको अपराधबोध ग्रस्त कराने की कोशिश करते हैं. वो आपके हर छोटे-छोटे एक्शन पर आपको ऐसा महसूस कराने लगते हैं कि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था. एक बार जब आप किसी चीज के लिए खुद को जिम्मेदार मानने लगते हैं, सामने वाला व्यक्ति उस चीज का फायदा उठाकर आपको कंट्रोल करने की कोशिश करता है.

ये आदतें आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बताती है, इसे नजरअंदाज न करें 

हम जिस तरह से व्यवहार करते हैं और हमारी आदतें हमारे व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बताती हैं. यह हमारे मुंह से निकलने वाले शब्दों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं. सबसे ज्वलंत उदाहरण राजनेता हैं जो आम तौर पर कहते कुछ हैं लेकिन करते कुछ और ही हैं और उन्हें अपने वादों को तोड़ने में कोई संकोच नहीं होता. इसलिए यदि आप यह जानना चाहते हैं कि कौन सी आदतें आपके व्यक्तित्व की तस्वीर चित्रित करती हैं, तो आर्टिकल आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है.

सक्रिय होकर सुनना

सबसे कम आंकी जाने वाली आदत या कौशल भी सक्रिय रूप से सुनना होना चाहिए. जब आप सक्रिय रूप से किसी को सुनते हैं, तो आप न केवल उनके शब्दों को सुन रहे होते हैं, बल्कि उनकी भावनाओं, लहजे और अशाब्दिक संकेतों पर भी ध्यान दे रहे होते हैं. यह आदत आपकी सहानुभूति, दूसरों में वास्तविक रुचि और गहरे स्तर पर जुड़ने की आपकी क्षमता की पुष्टि करती है. ऐसी दुनिया में जहां लोगों ने सक्रिय रूप से एक-दूसरे को सुनना बंद कर दिया है, क्योंकि उनकी एक या दोनों आंखें हर समय अपने फोन पर रहती हैं.

समय की पाबंदी

एक और आदत जो सबसे अच्छी है, वह है समय की पाबंदी. प्रत्येक नियुक्ति पर कम से कम 15 मिनट पहले आने का प्रयास करना चाहिए. हालांकि, ट्रैफ़िक और अन्य कुछ अप्रत्याशित परिस्थितियां हो सकती हैं, लेकिन हर समय तो ऐसा नहीं हो सकता ना. आप लगातार देर से आते हैं, तो समस्या बाहरी नहीं है. बल्कि आप में है. समय का पाबंद होना यह भी साबित करता है कि आप समय प्रबंधन, संगठन और, सबसे महत्वपूर्ण, लोगों को महत्व देते हैं. यह प्रतिबद्धताओं के प्रति आपके सम्मान और अन्य लोगों के शेड्यूल के प्रति आपके विचार को प्रकट करता है, आपके जिम्मेदार और विश्वसनीय स्वभाव की पुष्टि करता है.