जानिए - अयोध्या फैसले के 6 साल बाद भी क्यों नहीं बन पाई नई मस्जिद, कहां अटका है काम

स्थानीय लोगों का कहना है कि भूमि दूरस्थ क्षेत्र में होने के कारण वहां बुनियादी सुविधाएं अभी उपलब्ध नहीं हैं, जिससे परियोजना की लागत और समय दोनों बढ़ रहे हैं. इसके बावजूद IICF का दावा है कि वे मस्जिद और उससे जुड़े सांस्कृतिक परिसर को एक आधुनिक और शांतिपूर्ण प्रतीक के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

जानिए - अयोध्या फैसले के 6 साल बाद भी क्यों नहीं बन पाई नई मस्जिद, कहां अटका है काम

अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने को 34 वर्ष बीत चुके हैं और इसी स्थान पर राम मंदिर के उद्घाटन को भी लगभग दो साल हो चुके हैं, लेकिन मुस्लिम पक्ष को आवंटित भूमि पर प्रस्तावित नई मस्जिद का निर्माण अब भी शुरू नहीं हो पाया है. 


सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के तहत धन्नीपुर गांव में इंडो-इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन (IICF) को पांच एकड़ ज़मीन आवंटित की गई थी. यह स्थान अयोध्या शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर खेतों के बीच स्थित है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि भूमि दूरस्थ क्षेत्र में होने के कारण वहां बुनियादी सुविधाएं अभी उपलब्ध नहीं हैं, जिससे परियोजना की लागत और समय दोनों बढ़ रहे हैं. इसके बावजूद IICF का दावा है कि वे मस्जिद और उससे जुड़े सांस्कृतिक परिसर को एक आधुनिक और शांतिपूर्ण प्रतीक के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

फिलहाल, अयोध्या में राम मंदिर के पूर्ण होने के बाद भी धन्नीपुर मस्जिद परियोजना अपने प्रारंभिक चरण में ही अटकी हुई है, और इसके वास्तविक स्वरूप लेने में अभी कम से कम दो वर्ष और लगने की उम्मीद है.


IICF ने मस्जिद, अस्पताल, संग्रहालय और सामुदायिक रसोई सहित एक विस्तृत परिसर की योजना बनाई है, लेकिन परियोजना कई कारणों से लगातार टलती जा रही है. सबसे बड़ा कारण निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि की कमी है. संगठन का कहना है कि दान अपेक्षा से काफी कम मिल रहे हैं, जिससे कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है.