लड़ते-लड़ते में 3 मंजिला बिल्डिंग की छत पर पहुंच गए दो सांड, 72 घण्टों लगे फिर क्रेन से उतारा गया दोनों को 

जब ये जानकारी तहसील प्रशासन को लगी तो वहां के कर्मचरियों ने काफी मशक्कत की पर उनको कामयाबी नहीं मिल पाई. 72 घण्टे बाद जब क्रेन पहुंची तब जाकर उनको नीचे उतारा गया. 72 घंटे बाद जब क्रेन मंगाई गई और विभागीय अधिकारियों के द्वारा सांडों को बेहोश किया गया तब उनको नीचे लाया गया.

लड़ते-लड़ते में 3 मंजिला बिल्डिंग की छत पर पहुंच गए दो सांड, 72 घण्टों लगे फिर क्रेन से उतारा गया दोनों को 

सरकार आवारा मवेशी और पशुओं को लेकर चाहे लाख दावे करता हो कि पशु संरक्षित कर लिए गए हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है. कुछ ऐसा मामला यूपी के हरदोई जिला से आया है. तहसील सवायजपुर में दो आवारा सांड तहसील कैंपस में बने आवासीय परिसर की तीन मंजिल छत पर आपस में लड़ते-लड़ते पहुंच गए. 

लोगो के द्वारा जब ये जानकारी तहसील प्रशासन को लगी तो वहां के कर्मचरियों ने काफी मशक्कत की पर उनको कामयाबी नहीं मिल पाई. 72 घण्टे बाद जब क्रेन पहुंची तब जाकर उनको नीचे उतारा गया

72 घंटे बाद जब क्रेन मंगाई गई और विभागीय अधिकारियों के द्वारा सांडों को बेहोश किया गया तब उनको नीचे लाया गया. ऐसे में सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के बाद भी आखिर अन्ना मवेशी पशु खेतों में सड़क पर स्कूलों में क्यों घूमते हुए नजर आते हैं, जबकि प्रशासन आवारा पशुओं के संरक्षित होने की बात करता है.

पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसडीएम सवाइजपुर ने बताया कि परसों रात किसी कर्मचारी द्वारा दरवाजा खुला छोड़ दिया गया था. इस कारण देर रात दो सांड ऊपर चढ़ गए. उनको छत से उतारने की कोशिश की गई लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. 

इसके बाद पशु चिकित्सा विभाग के स्टाफ द्वारा प्रयास किया गया पर वो भी सफल नहीं हो सके. गुरुवार को क्रेन द्वारा दोनों सांडों को नीचे लाया गया. नीचे लाने के लिए दोनों सांडों को पहले बेहोश किया गया.