RSS ने तैयार किया रोडमैप, शताब्दी वर्ष समारोह से पहले हर गांव में होगी आरएसएस की शाखा

आरएसएस 2025 में अपने शताब्दी समारोह से पहले देश के हर जिले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है। यही वजह है कि आरएसएस के स्वयंसेवकों ने अपने नेटवर्क को दोगुना करने की तैयारी शुरू कर दी है, जो देश भर में उनके पदचिह्न का विस्तार करने के लिए जिम्मेदार होंगे।

RSS ने तैयार किया रोडमैप, शताब्दी वर्ष समारोह से पहले हर गांव में होगी आरएसएस की शाखा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2025 में अपने   शताब्दी वर्ष तक हर गांव तक शाखा का कार्य पहुंचाने का काम करेगा। इसका खाका संघ ने तैयार कर लिया है। यह जानकारी आरएसएस के प्रांत संघचालक डॉ. पृथ्वीराज सिंह, प्रांत सह संघचालक डॉ महेंद्र अग्रवाल और प्रांत संपर्क प्रमुख प्रो संजीत गुप्ता ने बृहस्पतिवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

आरएसएस 2025 में अपने शताब्दी समारोह से पहले देश के हर जिले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है।  यही वजह है कि आरएसएस के स्वयंसेवकों ने अपने नेटवर्क को दोगुना करने की तैयारी शुरू कर दी है, जो देश भर में उनके पदचिह्न का विस्तार करने के लिए जिम्मेदार होंगे।  बता दें कि आरएसएस में लगभग 3,000 प्रचारक या पूर्णकालिक कार्यकर्ता हैं, जिन्हें शिक्षा, श्रमिक संघों और आदिवासी क्षेत्रों जैसे फील्ड में काम करने वाले आरएसएस की कई शाखाओं के भीतर कई जिम्मेदारियां दी गई हैं। 

पदाधिकारियों ने कहा कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक प्रयागराज में 16 से 19 अक्तूबर के बीच हुई थी। बैठक में जो कुछ तय हुआ था, उसकी जानकारी गोरक्ष प्रांत के स्वयंसेवकों को दी गई है। स्वयंसेवक अब घर-घर दस्तक देकर जनसंख्या असंतुलन से होने वाले नुकसान की जानकारी देंगे। आबादी को नियंत्रित करने के लिए जनसमर्थन भी जुटाएंगे। सबसे बड़ी चिंता जनसंख्या असंतुलन है। असम, केरल, पश्चिम बंगाल में ज्यादा खतरनाक स्थिति है। उत्तराखंड व हरियणा में भी जनसंख्या असंतुलन बढ़ रहा है। 

आरएसएस के पदाधिकारियों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। कहा कि संघ का नाम लेकर राहुल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वह वर्ग विशेष को साधने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता है कि संघ की जड़ें कितनी मजबूत हैं। 

संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि शताब्दी समारोह के लिए संघ अंशकालिक स्वयंसेवकों, या विस्तारकों को शामिल करके उस आंकड़े को दोगुना करने का लक्ष्य बना रहा है, जिनके पास विभिन्न शाखाओं के साथ काम करने का ऑप्शन होगा।  आरएसएस के एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘हम इन विस्तारकों को देश भर में संघ द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के लिए ट्रेनिंग देने पर विचार कर रहे हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि मार्च 2023 तक जब शताब्दी समारोह शुरू होगा, तब स्वयंसेवकों की कुल संख्या वर्तमान संख्या से दोगुनी हो जाएगी और अंशकालिक उन क्षेत्रों में शाखाओं को फैलाने में मदद करेंगे जहां कोई नहीं है, या बहुत कम है.’

बता दे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की मार्च की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में 38,390 स्थानों पर 60,929 शाखाएं फैली हुई हैं।