ज्ञानवापी समझौते की संभावना पर बोले हिन्‍दू पक्ष के वकील "काशी विश्‍वनाथ की एक इंच जमीन नहीं छोड़ेंगे"

हरि शंकर जैन ने बताया कि सनातनी हिंदू भगवान भोलेनाथ की एक भी इंच जमीन पर समझौता नहीं करेगा और जो खुद को हिंदू बताकर समझौता करने की बात कर रहे हैं असल में वह हिंदू है ही नहीं. 

ज्ञानवापी समझौते की संभावना पर बोले हिन्‍दू पक्ष के वकील "काशी विश्‍वनाथ की एक इंच जमीन नहीं छोड़ेंगे"

हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी को लेकर चल रहे कानूनी विवाद को आपसी बातचीत से सुलझाने के प्रस्ताव पर अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की सहमति के बाद ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 
“मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि सनातन धर्मी काशी में भोले नाथ की जमीन से एक इंच पर समझौता नहीं करेंगे. यही हो सकता है कि मुसलमान क्षमा मांगे और अपना अवैध कब्जा हटा लें”.

हरि शंकर जैन ने बताया कि सनातनी हिंदू भगवान भोलेनाथ की एक भी इंच जमीन पर समझौता नहीं करेगा और जो खुद को हिंदू बताकर समझौता करने की बात कर रहे हैं असल में वह हिंदू है ही नहीं. 

वहीं दूसरी ओर उन्होंने यह भी साफ किया कि मुस्लिम पक्ष के लोग अगर माफी मांग लेते हैं तो सनातन धर्म इतना बड़ा है कि उन्हें माफ कर देगा, लेकिन वह इस बात को समझने को तैयार ही नहीं है. गलती सबसे होती है ऐसे में उनके पुरखों से भी गलती हो गई. लेकिन पुरखों की गलती को वह ऐसा मानकर चल रहे हैं मानो उन्होंने खुद गलती की हो.

बता दे कि हिन्‍दू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी का सर्वे हो रहा है. सर्वे रिपोर्ट से सबकुछ स्‍पष्‍ट हो जाएगा. सर्वे को लेकर हरिशंकर जैन ने कहा कि मैं भगवान पर विश्वास करता हूं. कोर्ट जो भी फैसला देता है, वो ईश्वर के आदेश से देता है. मुझे विश्वास है कि जो भी फैसला आएगा वो हिंदुओं के पक्ष में होगा. 

ज्ञानवापी को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. इतना ही नहीं वाराणसी में अन्‍य जगहों पर जहां-जहां मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनवाई गई है, वहां की लड़ाई भी लड़ेंगे. 

बता दें कि इससे पहले 14 अगस्‍त को वैदिक सनातन संघ ने मुस्लिम पक्ष से आपसी समझौते के जरिए मामला सुलझाने की अपील की थी. हिन्‍दू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने बिना किसी संगठन का नाम लिए कहा कि जो लोग इस तरह की मुहिम चला रहे हैं, वह सिर्फ हिन्‍दुओं को भ्रमित कर रहे हैं. ऐसे लोग हिन्‍दू पक्ष में फूट डालने का काम कर रहे हैं.