अब सरकार बनाएगी कानून वर्क फ्रॉम होम के मॉडल में घर से काम करने वालों फायदे के लिये देना पड़ सकता है बिजली और इंटरनेट बिल
अब सरकार बनाएगी कानून वर्क फ्रॉम होम के मॉडल में घर से काम करने वालों फायदे के लिये देना पड़ सकता है बिजली और इंटरनेट बिल. रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक लीगल प्रेमवर्क बनाना चाहती है, जिसमें घर से काम करने वाले कर्मचारियों के लिये काम करने के घंटे फिक्स करने के साथ बिजली और इंटरनेट खर्चों में हुई बढ़ोतरी को लेकर कैसे भुगतान किया जाये इन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.
कोरोनाकाल में संक्रमण के खतरे को देखते हुए दुनियाभर की कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम को शुरू किया। करीब डेढ़ वर्ष तक लोगों ने अपने घर से ही ऑफिस का कार्य किया। इसमें कुछ लोगों को आराम रहा तो कुछ लोगों के लिए यह वक्त त्रासदी से भरा रहा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक लीगल प्रेमवर्क बनाना चाहती है, जिसमें घर से काम करने वाले कर्मचारियों के लिये काम करने के घंटे फिक्स करने के साथ बिजली और इंटरनेट खर्चों में हुई बढ़ोतरी को लेकर कैसे भुगतान किया जाये इन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इस विषयों को लेकर एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा की जा रही है. माना जा रहा है वर्क फ्रॉम होम के तौर पर शुरु हुये नए सिस्टम का अध्ययन करने के लिये एक कंसलटेंसी फर्म भी नियुक्त करने पर विचार कर रही है.
मार्च 2020 में कोरोना वायरस के देश में दस्तक देने के बाद से वर्क फ्रॉम होम का चलन चल पड़ा है. कई कंपनियों में अभी भी वर्क फ्रॉम होम के तहत कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं. अब तो कोरोना वायरस का नये वैरिएंट ओमीक्रॉम भी आ गया है तो माना जा रहा है फिर से कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिये कह सकती है.
वर्क फ्रॉम होम के तहत घर से काम करने कर्मचारियों के लिए सरकार एक व्यापक कानूनी ढांचा बनाने की तैयारी में है, जो घर से काम करने वाले कर्मचारियों के प्रति एम्पलॉयर के दायित्व को परिभाषित करेगा. वर्क फ्रॉम होम के तहत घर से काम करने वाले कर्मचारियों को लेकर सरकार एक कानूनी ढांचा तैयार करना चाहती है जिससे उनके हितों की रक्षा की जा सके.
सरकार ने इस साल जनवरी में एक स्थायी आदेश के माध्यम से सर्विसेज सेक्टर के लिए वर्क फ्रॉम होम को औपचारिक रूप दिया था, जिससे नियोक्ताओं और कर्मचारियों को काम के घंटे और अन्य सेवा शर्तों पर पारस्परिक रूप से निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, इस कदम को एक सांकेतिक शुरुआत के रूप में देखा गया था, क्योंकि सेवा क्षेत्र, जिसमें बड़े पैमाने पर IT and ITES शामिल हैं, पहले से ही विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों के लिए घर से काम करने का रिवाज रहा है.
कोरोना काल में वर्क प्रॉम होम केवल आईटी और आईटीईएस क्षेत्र तक सीमित नहीं है. इसलिये सरकार अब सभी सेक्टर्स क्षेत्रों के लिए एक व्यापक औपचारिक ढांचा तैयार करना चाहती है. कई देशों में वर्क फ्रॉम होन को लेकर प्रावधान पहले से बना हुआ है. पुर्तगाल में हाल ही में कानून पारित कर कंपनी परिसर से दूर काम करने वाले कर्मचारियों की अधिक सुरक्षा के लिए श्रम नियमों की रूपरेखा तैयार किया गया है. अब भारत सरकार भी वर्क फ्रॉम होम को कानूनी रूप देने के लिए कानून लाने की तैय़ारी में है.
पुर्तगाल के कानून के हिसाब से लोगों की शिकायतें रहीं कि उन पर काम का ज्यादा बोझ रहा। कई बार उन्हें बॉस के बेवजह के गुस्से का भी शिकार होना पड़ा, लेकिन अब ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर है। अगर वर्किंग टाइम खत्म होने के बाद बॉस आपको मैसेज करता है तो उसे जेल की हवा खानी पड़ेगी। पुर्तगाल ने वर्क फ्रॉम होम के लिए नए नियम बनाए हैं। यहां कि सरकार के मुताबिक अगर आप का वर्किंग टाइम खत्म हो गया है तो आपकी कंपनी का बॉस आपको काम से जुड़ा कोई मैसेज नहीं कर सकता है। अगर बॉस ऐसा करता है तो उसे जेल की सजा होगी।
पुर्तगाल में सत्ता संभाल रही सोशलिस्ट पार्टी ने नए नियम को लागू किया है। नए कानूनों के तहत कंपनियों को दूर से काम करने पर होने वाले खर्च जैसे कि अधिक बिजली और इंटरनेट बिलों के भुगतान में सहायता करनी होगी। नए कानून के अनुसार अगर कर्मचारी घर से काम कर रहा है तो बॉस उसकी निगरानी नहीं करवा सकता है। ये गैरकानूनी होगा। जिस कंपनी में 10 से कम कर्मचारी हैं वहां ये कानून लागू नहीं होंगे। नए नियम के अनुसार जब तक आपका बच्चा 8 साल का नहीं हो जाता है, तब तक आप वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं।
अब ऐसा ही कुछ भारत सरकार भी देश में एक लीगल फ्रेमवर्क बनाना चाहती है, जिसमें घर से काम करने वाले कर्मचारियों के लिये काम करने के घंटे फिक्स करने के साथ बिजली और इंटरनेट खर्चों में हुई बढ़ोतरी को लेकर कैसे भुगतान किया जाये इन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.