जानिए कैसे? बूढ़े को जवान बना देंगे वैज्ञानिक, अमर हो जाएगा इंसान !

साल 2030 में जीवित लोग साल-दर-साल अपनी उम्र बढ़ा सकेंगे, और 2045 के बाद वैज्ञानिक लोगों को अमर बनाना शुरू कर देंगे

जानिए कैसे? बूढ़े को जवान बना देंगे वैज्ञानिक, अमर हो जाएगा इंसान !

अब आने वाले समय में कोई भी इंसान नहीं मरेगा क्योंकि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा फॉर्मूला खोज निकाला है जिससे  बूढ़े व्यक्ति को जवान बनाया जा सकता है.  अब इंसानों के लिए अमर होने का सपना सच  हो जाएगा.                                                

 नॉनप्रॉफिट इंटरनेशनल  ऑर्गेनाइजेशन- ह्यूमेनिटी प्लस के साइंटिस्ट डॉक्टर जोस कॉर्डिरो ने ये दावे   से कहा  है कि कुछ ही सालों में हमारे पास अमरता का राज  खुल चुका होगा. डॉ कॉर्डिरो ने ऐसा विश्वास जताया है कि साल 2030 में जीवित लोग साल-दर-साल अपनी उम्र बढ़ा सकेंगे, और 2045 के बाद वैज्ञानिक  लोगों को अमर बनाना शुरू कर देंगे 

डॉ  कॉर्डिरो इस बात को लेकर कहा कि पहले औसत उम्र कम हुआ करती थी, लेकिन अब बढ़ चुकी है. पहले  साल 1881 के आसपास भारत में औसत आयु केवल 26  साल थी. जो  2019 तक  ये बढ़कर  लगभग 69 साल हो गई. इसी फॉर्मूला पर वैज्ञानिक डीएनए की एजिंग को रिवर्स एजिंग में बदल देंगे 

 फिलहाल वैज्ञानिकों ने साफ़ तौर पे अभी  कुछ नहीं बताया, लेकिन इसमें रोबोटिक्स और एआई की मदद ली जा सकती है. इसकी मदद से लोगों की उम्र बढ़ती चली जाएगी और फिर ऐसा भी समय  आएगा, जब इंसान कई सौ वर्ष  तक ज़िंदा  रह सकेगा. 

डॉ  कॉर्डिरो के अनुसार  हार्वर्ड और बोस्टन की लैब में  शोध हुआ  है जिसमें बूढ़े चूहों की उम्र रिवर्स कर के उन्हें युवा बना दिया गया था. जिससे उम्र के कारण इन चूहों  कमजोर पड़ी नजर भी ठीक हो गई. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और बोस्टन यूनिवर्सिटी के इस जॉइंट शोध को वैज्ञानिक पत्रिका सेल में जगह मिली. इसको लेकर शोधकर्ता डेविड सिनक्लेअर ने कहा है कि" उम्र रिवर्सिबल प्रोसेस है, जिसके साथ बदलाव की जा सकता  है."

यहाँ ये बताना ज़रूरी है कि वैज्ञानिक जर्नल सेल में प्रकाशित इस शोध का नाम लॉस ऑफ एपिजेनेटिक इंफॉर्मेशन एज कॉज ऑफ मैमेलियन एजिंग है. चूहों पर लैब में किए गए इस प्रयोग में साफ दिखा कि उम्र को पीछे लौटाकर उसे युवा बनाया जा सकता है. इसमें एक आश्चर्यजनक बात ये भी सामने आई कि उम्र केवल पीछे ही नहीं  लौटती है, बल्कि उसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. मतलब  समय से पहले किसी को बड़ा या बूढ़ा कर देना.

इस कंसेप्ट पर शुरू हुआ यह शोध कि शरीर के पास अपनी युवावस्था की बैकअप कॉपी रहती है. इस कॉपी को उभारा जाए तो सेल्स रीजेनरेट होने लगेंगी और उम्र पीछे लौटने लगती है. इस प्रयोग ने  ये यकीन भी गलत साबित किया  कि उम्र बढ़ना जेनेटिक म्यूटेशन का नतीजा है, जिससे कोशिकाये  कमजोर पड़ते जाती  हैं. या फिर कमजोर पड़ चुकी कोशिकाएं शरीर को भी समय के साथ कमजोर बना देती हैं.

आज दुनिया के कई देशों में कई खरबपति लोग इस रिवर्ज एज के जरिए अमर होने  के लिए भारी पैसा लगा रहे हैं. यहां तक किलैब में अपने शरीर को सुरक्षित  भी कराया जा रहा है जिससे अमर होने का   फॉर्मूला मिलने के बाद मरे हुए लोग पुनः  जीवित हो सकें. इस प्रक्रिया को  क्रायोनिक्स कहा जाता है. ऐसे कई  दावे  मिलता है कि दुनिया में  6 सौ लोगों की मृत्य देह फ्रीज होकर रखी हुई है.