पैरों का बार-बार सुन्न होना या दिखते है ये लक्षण, तो है गंभीर बीमारी के संकेत, हल्के में ना ले तुरंत कराएं इलाज
हमारे शरीर में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं, जिन्हें हम महसूस तो करते हैं, लेकिन हम उसके गंभीरता से नहीं लेते हैं. कई बार ये बदलाव बड़ी बीमारी में तब्दली हो जाते हैं. इसके बाद डॉक्टर के पास जाते हैं. ऐसी ही एक बीमारी है बैठे-बैठे हाथ-पैर सुन्न हो जाना.
खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई बीमारियों का हमला हमारे शरीर पर होता है. खासकर अनियमित खानपान और दिनचर्या की वजह से हम बहुत अधिक बीमार पड़ते हैं. धीरे-धीरे हमारे शरीर में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं, जिन्हें हम महसूस तो करते हैं, लेकिन हम उसके गंभीरता से नहीं लेते हैं. कई बार ये बदलाव बड़ी बीमारी में तब्दली हो जाते हैं. इसके बाद डॉक्टर के पास जाते हैं. ऐसी ही एक बीमारी है बैठे-बैठे हाथ-पैर सुन्न हो जाना. यह बहुत ही आम समस्या है. हम सभी को लगभग कभी-कभी इसका अनुभव हुआ ही होगा. अगर ये समस्या लगातार आपके साथ हो रही है, तो आपको इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. अगर आपके पैर भी अक्सर सुन्न पड़ जाते हैं या आपको अचानक उनमें ठंडक महसूस होने लगती है तो ये पेरफरिल आर्टीरियल डिसीस (PAD) के लक्षण हैं. ये एक बहुत आम बीमारी है और भारत में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या लाखों में है. इस बीमारी में व्यक्ति की ब्लड वेसल्स (धमनियां) सिकुड़ने लगती हैं जिससे शरीर के अंगों में खून की सप्लाई कम हो जाती है.
हम रात में एक ही अवस्था में देर तक सोए रहते हैं, जिससे हमारे पैर या हाथ सुन्न हो जाते हैं या उसमें झुनझुनी चढ़ जाती है, इस दौरान हाथ या पैर के जिस हिस्से में झुनझुनी हुई है, स्पर्श करने से किसी तरह का एहसास नहीं होता है। साथ ही हम अपने हाथ और पैर का मूवमेंट करने में असमर्थ हो जाते हैं। थोड़ा सा दर्द भी महसूस होने लगता है। उस जगह पर थोड़ी देर मालिश करने से हाथों और पैरों की झुनझुनाहट को दूर किया जा सकता है। यदि मालिश के बाद भी झुनझुनाहट दूर नहीं होती तो किसी बीमारी का अंदेशा हो सकता है।
रक्त संचार की कमी की वजह से भी हाथ और पैर में झनझनाहट होने लगती है। हमारे शरीर में यदि रक्त संचार ठीक से नहीं होता है तो हमारी नसों में इसका असर होता है, जिससे हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन ठीक से पहुंच नहीं पाती और हमें शरीर में झनझनाहट और सुन्न जैसी अवस्था का सामना करना पड़ सकता है।
यदि हम नसों से संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं तो हमारे हाथ-पैर की अंगुली व जोड़ सुन्न पड़ जाते हैं, हमारे हाथों और पैरों में ऐसा एहसास होता है कि जैसे किसी ने सुई चुभा देती है, यह दर्द कभी कभी असहनीय होती है। ऐसे में किसी डॉक्टर से इलाज जरुर करवा लें।
अगर आपकी हाथों की अंगुलियों और कलाई में लंबे समय तक झनझनाहट रहती है या वह सुन्न पड़ जाते हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करें। यह लक्षण कार्पल टनल सिंड्रोम बीमारी के हो सकते हैं, जिसमें कलाई की बीच की नस जो हाथ और बाजू तक जाती है, बीच की नस दब जाने से अंगुलियों में झनझनाहट की शिकायत हो सकती है।
टांगों में सूजन हो तो ना करें नजरअंदाज-
डॉ. पर्डी बताते हैं, "अगर रोजाना आपकी टांगों में सूजन हो रही है और आपके टांगों पर निशान पड़ रहे हैं तो ये वीन्स इनसफिशियंसी का लक्षण है. ये निशान मोटापे से पीड़ित लोगों और काफी देर तक खड़ा रहने की स्थिति में बनते हैं. कई लोग अक्सर इस प्रकार की सूजन के लिए ड्यूरेटिक ड्रग लेने लगते हैं लेकिन ये सुरक्षित नहीं है और इससे परेशानी खत्म भी नहीं होती.
टांगों पर पड़ने वाले नीले और काले निशान हैं खतरनाक-
अगर आपकी टांगों पर नीले या काले रंग के निशान पड़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप लंबे समय से वीन्स इनसफिशियंसी से पीड़ित हैं. त्वचा में ये बदलाव खून में हीमोग्लोबिन से ऑक्सीजाइज्ड हुए आयरन की वजह से होते हैं जो लंबे समय तक शरीर के ऊपरी हिस्सों में वापस जाए बिना सिर्फ वीन्स में जमा रहता है. कंप्रैशन वाले मोजे पहनकर या टांगों को ऊपर उठाकर रखने वाली कसरत कर इस स्थिति से छुटकारा पाया जा सकता है.
टांगों में दर्द -
अगर आपको भी चलते हुए टांगों में तेज दर्द होता है जिसके बाद आप कुछ देर के लिए रुक जाते हैं और फिर दोबारा चलना शुरू करते हैं तो ये कंडीशन बताती है कि आपके शरीर में खून का बहाव सही तरह नहीं हो रहा. ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
ऊंगलियां पड़ रही हैं पीली तो ये है अलर्ट -
हाथों या शरीर के ऊपरी हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन की परेशानी बहुत कम लोगों में होती है. हाथ दिल के बेहद करीब होते हैं, ऐसे में उसकी धमनियों में या नसों में बहुत ही कम समस्याएं देखने को मिलती हैं. लेकिन ये नामुमिकन नहीं है. शरीर में इस स्थिति को रेनॉड्स सिंड्रोम कहा जाता है जो कई बार ठंड के संपर्क में आने पर होती है लेकिन कुछ लोगों में ये बिना किसी वजह के भी हो सकता है.
अगर आपको भी ये लक्षण दिखते हैं तो तुरंत हाथों की तस्वीर लें और फिर डॉक्टर के पास जाएं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये लक्षण हमेशा नहीं दिखते. इस बीमारी को दूर करने के लिए कुछ दवाएं भी आती हैं लेकिन किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज कराना ज्यादा बेहतर रहेगा.