अपने जन्मदिन पर मायावती का बड़ा ऐलान,कहा- सभी चुनाव अकेले लड़ेगी BSP, किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं

मायावती ने रविवार को लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बीएसपी अपने दम पर अकेले ही लोकसभा चुनाव और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगी. बीएसपी किसी अन्य दलों से गठबंधन नहीं करेगी.

अपने जन्मदिन पर मायावती का बड़ा ऐलान,कहा- सभी चुनाव अकेले लड़ेगी BSP, किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर बड़ा ऐलान किया है. मायावती ने रविवार को लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बीएसपी अपने दम पर अकेले ही लोकसभा चुनाव और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगी. बीएसपी किसी अन्य दलों से गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि इस साल मध्य प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ समेत जहां भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां बीएसपी अकेले ही चुनाव लड़ेगी. साथ ही लोकसभा चुनाव उनकी पार्टी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी.  

इसके साथ ही मायावती ने इस दौरान समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा सरकार ने संसद में एससी और एसटी आरक्षण पास नहीं होने दिया बल्कि उसने संसद में बिल का पर्चा भी फाड़ा. बीएसपी सरकार में एससी-एसटी के लोगों को उनका हक दिया गया. बीएसपी ने संतों-गुरुओं का भी आदर-सम्मान किया. हालांकि दूसरे दलों की सरकारों में ऐसा नहीं हुआ.

मायावती ने उपेक्षित वर्ग के लोगों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें बीएसपी को सत्ता में जरूर लाना होगा तभी बाबा साहब के दिए हुए कानूनों का लाभ मिल सकता है और यह लोग अपने आत्म सम्मान की जिंदगी जी सकते हैं. अगर ये ऐसा करते हैं तो यह मेरे लिए जन्मदिन पर सबसे अहम तोहफा होगा, इससे ज्यादा मुझे उनसे कुछ नहीं चाहिए.

मायावती ने इस अवसर पर कहा कि आज अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य में मेरे पार्टी के कार्यकर्ता जनकल्यकारी दिवस के रूप में मनाते हैं. आज में अपने सभी गुरुओं पूर्वजों को नमन करती हूँ और उनके दिखाए हुए रास्ते पर मूवमेंट को बढ़ाते हुए बहुत ही सादगी के साथ मना रहे हैं. आज मेरे कार्यकर्ता गरीब असहाय और ज़रूरतमंदों की मदद कर के जनकल्याण दिवस मना रहे हैं.  मायावती ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के शासनकाल में तो स्थिति और भी दयनीय बनी हुई है.  अब निवेश के नाम पर नाटकबाजी कर रही है. 

BSP का जनाधार कम नहीं हुआ है.  मुझे लगता है कि EVM में कुछ गडबड़ी है. अगर ऐसा नहीं है तो केंद्र  सरकार और मुख्य चुनाव आयोग सामने आएं और बैलेट पेपर पर चुनाव कराएं, इससे मालूम पड़ जाएगा कि उनके साथ कितना वोट है और हमारे साथ कितना है.

आरक्षण को लेकर कांग्रेस और बीजेपी राजनितिक पार्टियों का रवैया क्रूर रहा हैं. बीजेपी भी कांग्रेस के नक़्शे कदम पर चल कर ही निकाय चुनाव प्रभावित हुए हैं. सपा ने OBC की 17 पिछड़ी जातियों को लेकर गैर संवांधानिक काम किया हैं. 

जब तक चुनाव बैलेट पेपर पर होते रहे तब तक BSP के न वोट प्रतिश्त और न ही जनाधार कम हुआ है और हमारी सीटें भी बढ़ी हैं. लेकिन जब से EVM से चुनाव हुए तब से हमारे वोट प्रतिशत और हमारी सीटों की संख्या पर प्रभाव पड़ा है.

देश के अल्पसंख्यकों को लेकर मायावती ने कहा कि उन्हें याद दिलाना जरूरी है कि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि हम लोगों को अपने खुद के पैरों पर खड़ा होना है. भाईचारा बनाकर रखना होगा, सत्ता की चाभी अपने हाथों में लेनी होगी. जातिवादी लोगों के चलते उन लोगों को हक नहीं मिला. आरक्षण के प्रति सभी दल कांग्रेस-बीजेपी-सपा कोई ईमानदार नहीं रहा है.