शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया, आसमान से नहीं बरसेगा अमृत, दिन में ही पूरे होंगे अनुष्ठान

ज्योतिषाचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि चंद्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र में और मेष राशि पर होगा। ग्रहण का प्रारंभ ईशान कोण से होगा और मोक्ष चंद्रमा के अग्नि कोण पर होगा। एक पखवाड़े में दो ग्रहण शुभ नहीं माने जाते हैं। सूतक के कारण रात्रि में मंदिरों के पट बंद रहेंगे। मंदिरों में भजन कीर्तन तो होंगे, लेकिन खीर का भोग भगवान को अर्पित नहीं किया जाएगा।

शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया, आसमान से नहीं बरसेगा अमृत, दिन में ही पूरे होंगे अनुष्ठान

वर्ष का अंतिम सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण इसी महीने लगेगा। सूर्यग्रहण भारत में दृश्यमान ना होने के कारण इसका सूतक यहां प्रभावी नहीं होगा। वहीं, शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया पड़ने के कारण इस साल आसमान से अमृत नहीं बरसेगा। सूतक लगने से शरद पूर्णिमा के सभी अनुष्ठान दिन में ही संपन्न होंगे।

श्री काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के दिन 14 अक्तूबर को सूर्यग्रहण और शरद पूर्णिमा 28 अक्तूबर को चंद्रग्रहण रहेगा। सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काशी में प्रभावी नहीं होगा। पितृमोक्ष अमावस्या के दिन सभी प्रकार के आयोजन होंगे।

आचार्य द्विवेदी ने बताया कि नौ सालों के बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का संयोग बन रहा है जो भारत में दृश्यमान होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही आयोजित किए जाएंगे। चंद्रग्रहण मध्यरात्रि में पड़ेगा और इसका सूतक दोपहर बाद से ही प्रारंभ हो जाएगा।

दोपहर के बाद से ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इस वजह से शरद पूर्णिमा पर बनने वाली खीर भी मध्यरात्रि नहीं बनेगी। श्रद्धालु चाहें तो दूसरे दिन खीर का भोग भगवान को अर्पित कर सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि चंद्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र में और मेष राशि पर होगा। ग्रहण का प्रारंभ ईशान कोण से होगा और मोक्ष चंद्रमा के अग्नि कोण पर होगा। एक पखवाड़े में दो ग्रहण शुभ नहीं माने जाते हैं। सूतक के कारण रात्रि में मंदिरों के पट बंद रहेंगे। मंदिरों में भजन कीर्तन तो होंगे, लेकिन खीर का भोग भगवान को अर्पित नहीं किया जाएगा।

चंद्रग्रहण का समय

ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1:05 बजे
ग्रहण का मध्य रात्रि 1:44 बजे
ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2:24 बजे
ग्रहण का सूतक दिन में 4:05 बजे

चंद्रग्रहण का प्रभाव

शुभ: कर्क, मिथुन, वृश्चिक, धनु, कुंभ
मध्यम: सिंह, तुला, मीन
अशुभ: मेष, वृष, कन्या, मकर