जेल से कैदियों के भागने का ऐसा मामला, पुलिसवाले भी कह रहे हैं 'बाप रे बाप'! चार्ल्स शोभराज भी पीछे छूटा
उपकारागार की बाड़ तोड़ कर कैदियों के भागने के बाद जेल प्रशासन हरकत में आ गया. फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें अलग-अलग दिशाओं में रवाना की गई. संगमनेर शहर पुलिस स्टेशन की उप-जेल में कई कैदी वर्तमान में सजा काट रहे हैं. 7 नवंबर की रात रोजाना की तरह तीन पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे. यहां तक कि जब कर्मचारी पहरे में थे, तब भी कैदियों ने जेल प्रांगण की बाड़ को काटकर भाग निकले.

महाराष्ट्र में एक अजीब घटना सामने आई. संगमनेर उप-जिला जेल में बंद चार दुस्साहसी विचाराधीन कैदी बुधवार को जेल के बाहर इंतजार कर रही एक पिकअप कार में बैठकर भाग गए. अधिकारियों ने बताया कि चारों विचाराधीन कैदी उप-जेल लॉक-अप से बाहर निकल गए, जहां वे बंद थे. यह घटना बुधवार सुबह करीब 6.30 बजे सामने आई, जिससे जिला और स्थानीय पुलिस सकते में आ गई.
विचाराधीन कैदियों की पहचान राहुल डी. काले, रोशन आर. दधेल, मच्छिन्द्र एम. जाधव और अनिल सी. ढोके के रूप में की गई है, जो बैरक में एक खिड़की की लोहे की छड़ों को काटने, बाहर निकलने और फिर एक कार में सावार होकर भागने में कामयाब रहे. बताया जाता है कि एक मारुति स्विफ्ट कार उप-जेल के बाहर उनका इंतजार कर रही थी. इन चारों कैदियों ने चार्ल्स शोभराज को जेल से भागने के मामले में पीछे छोड़ दिया है.
चौंकाने वाली इस घटना की जानकारी मिलने पर एसडीपीओ सोमनाथ वाकचौरे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे. एक अधिकारी ने कहा कि सैमगामनेर सिटी पुलिस स्टेशन ने तीन विशेष टीमों का गठन किया है, जो भागे हुए विचाराधीन कैदियों की तलाश के लिए अलग-अलग दिशाओं में रवाना हो गई हैं और जिले की सीमा पर सभी जांच चौकियों पर निगरानी कड़ी कर दी गई है.
उपकारागार की बाड़ तोड़ कर कैदियों के भागने के बाद जेल प्रशासन हरकत में आ गया. फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें अलग-अलग दिशाओं में रवाना की गई.
संगमनेर शहर पुलिस स्टेशन की उप-जेल में कई कैदी वर्तमान में सजा काट रहे हैं. 7 नवंबर की रात रोजाना की तरह तीन पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे. यहां तक कि जब कर्मचारी पहरे में थे, तब भी कैदियों ने जेल प्रांगण की बाड़ को काटकर भाग निकले. इस जेल में सजा काट रहा रोशन थापा दादेल, प्रताड़ना मामले में आरोपी अनिल ढोले, हत्या मामले में राहुल देवीदास काले और मछिंद्र जाधव यहां से भागने में सफल रहे.
आरोपी बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से जेल से फरार हो गए. जेल में ज़ोर-ज़ोर शोर-शराबा किया जा रहा था, ताकि पुलिसकर्मी उन्हें नज़रअंदाज़ कर दे. इसी शोर-शराबे में इन चारों ने जेल की बाड़ तोड़ दी. जेल के बाहर एक कार पहले से ही उनका इंतजार कर रही थी. जेल तोड़ने के बाद ये कैदी इसी कार में सवार होकर भाग निकले.
भागे हुए आरोपियों पर नजर रखने के लिए पड़ोसी जिलों में पुलिस नियंत्रण कक्षों को भी संदेश भेजे गए हैं, ताकि उनका पता लगाया जा सके और उन्हें पकड़ा जा सके, जबकि लोगों से कहा गया है कि अगर वे उनमें से किसी को देखते हैं तो पुलिस को सूचित करें.
काले को जहां हत्या के एक मामले में पकड़ा गया था, वहीं जाधव को हत्या के प्रयास के मामले में पकड़ा गया था. एक अधिकारी ने कहा, ढोके और दधेल को पिछले चार वर्षों में अलग-अलग समय पर दुष्कर्म के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया था.
स्थानीय सूत्रों ने कहा कि लगता है, दुस्साहसी कैदियों ने अपने ऑपरेशन को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया. उन्हें भागने में अंदर या बाहर से मदद मिली होगी, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता.