Banke Bihari Temple Corridor: बांके बिहारी कॉरिडोर का रास्ता साफ हाईकोर्ट ने लगाई मोहर, जानें कैसा दिखेगा बांके बिहारी कॉरिडोर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर (गलियारा) की सरकारी योजना को हरी झंडी दे दी है और कहा है कि राज्य सरकार कानूनी प्रक्रिया के तहत दर्शन प्रभावित किए बगैर अपने धन से लोक व्यवस्था जनस्वास्थ्य सुरक्षा व जनसुविधा प्रदान करने का अपना वैधानिक दायित्व पूरा करे। कोर्ट ने साफ कहा कि मंदिर के बैंक खाते में जमा रुपयों को न छुआ जाए।

Banke Bihari Temple Corridor: बांके बिहारी कॉरिडोर का रास्ता साफ हाईकोर्ट ने लगाई मोहर, जानें कैसा दिखेगा बांके बिहारी कॉरिडोर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा वृंदावन ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर (गलियारा) की सरकारी योजना को हरी झंडी दे दी है और कहा है कि राज्य सरकार कानूनी प्रक्रिया के तहत दर्शन प्रभावित किए बगैर अपने धन से लोक व्यवस्था, जनस्वास्थ्य, सुरक्षा व जनसुविधा प्रदान करने का अपना वैधानिक दायित्व पूरा करे। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अनंत कुमार शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।

चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने सोमवार को यह फैसला सुनाया. इसमें कहा कि यूपी सरकार कॉरिडोर की अपनी प्रस्तावित योजना को आगे बढ़ाए, लेकिन ये भी सुनिश्चित करे कि इससे मंदिर के दर्शनार्थियों को किसी तरह की बाधा न हो. हाईकोर्ट ने सरकार को कॉरिडोर बनाने में बाधा बन रहे अतिक्रमण को हटाने की अनुमति भी दे दी है. सरकार को इस कॉरिडोर का निर्माण अपने खर्चे पर ही करना होगा.

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर भी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया जाएगा. इस मामले का फैसला हाईकोर्ट ने 8 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था. इस मामले की अब अगली सुनवाई 31 जनवरी 2024 को होगी. दरअसल इस मामले में जनहित याचिका अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्य की ओर से दाखिल की गई है. इसकी सुनवाई के दौरान मंदिर के पुजारियों ने कॉरिडोर निर्माण को गैर जरूरी बताया था और चढ़ावे और चंदे की रकम देने से इन्कार कर दिया था.

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर परिसर इतना भव्य होगा कि यहां पर प्राकृतिक वातावरण के बीच श्रद्धालु बैठ सकेंगे. इसके लिए चार ऐसे स्थल विकसित किए जाएंगे, जो हरियाली के बीच पार्क के रूप में होंगे. यहां की बनावट के हिसाब से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के परिसर को दो हिस्सों में बांटा जा रहा है.

भव्य और दिव्य गलियारा बनने के बाद एक बार में 10 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में ठहर सकते हैं. परिक्रमा मार्ग स्थित जुगल घाट से गलियारा का मुख्य प्रवेश द्वार प्रस्तावित है. गलियारा का स्वरूप ऐसा है कि उसके अंदर प्रवेश करते ही ठाकुर बांकेबिहारी की छवि बाहर से दिखाई देगी. यमुना के किनारे बन रहे यमुना रिवर फ्रंट से गलियारा के लिए रास्ता जाएगा.

मंदिर के चारों तरफ बनने वाला कॉरिडोर दो मंजिला होगा. कॉरिडोर की दीवार पर बांके बिहारी से जुड़ी कलाकृति भी देखने को मिल सकती है. मंदिर के पूर्व पश्चिम में आपातकालीन और अग्निशमन वाहनों के लिए मार्ग होगा. बांकेबिहारी मंदिर आने के लिए गलियारे में 3 रास्ते बनाए जाएंगे.  एक रास्ता जुगलघाट से सीधा मंदिर, दूसरा रास्ता विद्यापीठ चौराहे से और तीसरा रास्ता जादौन पार्किंग से आएगा. 

इस कॉरिडोर में यात्रियों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. कॉरिडोर में यात्रियों के रूकने की व्यवस्था के साथ-साथ प्रसाधन और पीने के पानी की व्यवस्था होगी. मेडिकल इमरजेंसी की भी व्यवस्था बनाई जाएगी. दूर दराज से पहुंचने वाले यात्रियों के लिए सामान घर, जूता-चप्पल रखने के लिए जगह के साथ-साथ बड़े हॉल भी बनाए जाएंगे.

बांकेबिहारी मंदिर परिसर का ऊपरी तल करीब 10 हजार मीटर का होगा. ये निचले तल से साढ़े 3 मीटर ऊंचा होगा.  सीढ़ियों से भक्त ऊपरी तल पर पहुंचेंगे. अगल-बगल सीढ़ियों और बीच में भव्य फव्वारा होगा.  ऊपरी तल पर चढ़ते ही सामने ठाकुर बांकेबिहारी दिखाई देंगे. इसी गलियारे पर श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए कतार लगेगी.